Hindi, asked by hacker00987, 4 months ago

कि राजा महाराज आदि कार्यकर्ता मौजूद सन इन नदी हालत के हो जी si​

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Answered by suppu2826
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Answer:

ठाकुर देशराज [1] ने लिखा है ... तेजाजी ग्यारवीं शताब्दी में ये महापुरुष मारवाड़ के खरनाल मोजे में पैदा हुए थे। इनका सारा समय परोपकार में अराजक मीणा जाति को दबाने में व्यतीत हुआ था। परोपकार ही में नाग द्वारा उनकी मृत्यु हुई थी। यह धौल्या गोत्र के जाट थे। राजपूताना की जोधपुर, जयपुर, किशनगढ़ और कोटा आदि में इनकी सभी जातियां बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा करती हैं। भादवा बदी दशमी को अनेकों स्थानों पर तेजाजी के नाम पर मेले लगते हैं। सारांश यह है कि राजपूताना में इनको शिव गणेश की भांति देवता समझा जाता है

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