(क) “राजधर्म तो यहै 'सूर' जो प्रजा ने जाहि सताए 'पद' के आधार पर बताइए कि पंक्ति में गोपियों की कौन - सी आकांक्षा निहित है ?
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¿ “राजधर्म तो यहै 'सूर' जो प्रजा ने जाहि सताए 'पद' के आधार पर बताइए कि पंक्ति में गोपियों की कौन - सी आकांक्षा निहित है ?
✎... “राजधर्म तो यहै 'सूर' जो प्रजा ने जाहि सताए, इन पंक्तियों के माध्यम से गोपियों ने ये आकांक्षा निहित की है कि राजा का सब सर्वप्रथम कर्तव्य होता है कि वह राजधर्म निभाएं और वह किसी भी हालत में पर अपनी प्रजा को ना सताए। प्रजा के सुख और कल्याण के लिए समस्त कार्य करना राजा का सर्वप्रथम कर्तव्य है। यहाँ पर गोपियां श्रीकृष्ण को राजा मानती हैं और स्वयं को प्रजा के समान समझती हैं। उनके अनुसार श्रीकृष्ण को उनके सुख और कल्याण की चिंता करनी चाहिए और उन्हें दुख व कष्ट देने वाला कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।
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