(क) रामप्रसाद वैरागी कौन थे?
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पंडित रामप्रसाद वैरागी को दी फांसी
पूरे देश में क्रांति के संचालन के लिए एक गुप्त संगठन बनाया गया था। पहाड़ों में इसके नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वह सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। संगठन पूरे देश में पत्रों के माध्यम से क्रांति का संचालन करता था। 12 जून 1857 को इस संगठन के कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे। इसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे।
इससे संगठन का भेद खुल गया और वैरागी को पकड़कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया। हालांकि क्रांतिकारियों को सहयोग न मिलने के कारण अंग्रेजों ने दो माह में ही 1857 के विद्रोह को कुचल दिया था। लेकिन जो अलख उस समय क्रांतिकारियों ने जगाई, उसके फलस्वरूप 90 वर्ष बाद देश गुलामी से मुक्त हुआ।
कसौली में बनाएं ऐतिहासिक स्तंभ
लोगों की मांग है कि कसौली में सरकार को ऐतिहासिक स्तंभ बनाना चाहिए। इस पर पंडित राम प्रसाद वैरागी, दरोगा बुध सिंह और सूबेदार भीम सिंह बहादुर तथा कसौली की क्रांति का उल्लेख करना चाहिए। इससे युवा पीढ़ी को कसौली के महत्वपूर्ण इतिहास की जानकारी मिलेगी।
Answer:
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