कोरोना इस भीषण बीमारी में विकास के अवसर पैराग्राफ इन हिंदी
Answers
Explanation:
भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद भले ही कृषि क्षेत्र हो. लेकिन, वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के पीछे मिडिल क्लास और लोअर मिडल क्लास का सबसे बड़ा हाथ है. यही कारण है कि भारत को एक 'मिडिल इनकम ग्रुप' की अर्थव्यवस्था के रूप में परिभाषित किया जाता है. कोविड-19 के जारी वैश्विक संकट के बीच भारतीय परिदृश्य में आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे अधिक चर्चा दो पहलुओं पर हो रही हैं.
पहला, भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे कमजोर आबादी यानी किसान, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर, दैनिक मजदूरी के लिए शहरों में पलायन करने वाले मजदूर और शहरों में सड़क के किनारे छोटा-मोटा व्यापार करके आजीविका चलाने वाले लोग.दूसरा, भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्पादन करने वाले यानी वह क्षेत्र जो इस देश में पूंजी और गैर-पूंजी वस्तुओं का उत्पादन करता है. सामान्य भाषा में कहें तो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर या बिजनेस सेक्टर.सरकार ने पहले चरण में जो राहत पैकेज जारी किया है वह पूरी तरीके से कमजोर और असंगठित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए है. कोरोना वायरस की वजह से आए आर्थिक संकट से जूझ रहे इस तबके के लिए सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है.भारत ने अभी अपने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए किसी बड़े पैकेज का एलान नहीं किया है. ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही निकट भविष्य में भी किसी बड़े पैकेज का एलान किया जा सकता है. मांग के साथ-साथ अब आपूर्ति आधारित संकट देखने जा रहे उत्पादन क्षेत्र को सुचारु रूप से दोबारा चालू करने के लिए एक बड़े आर्थिक पैकेज की जरूरत पड़ेगी.