Hindi, asked by kamal30ram, 3 months ago

कुरान के बारे में लिखी गई टिकाई किस नाम से जानी जाती थी​

Answers

Answered by rohitdheple2
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Answer:

धर्म

इस्लाम

भाषा

अरबी

अवधि

609–632

अध्याय

114

श्लोक/आयत

6,236

1.जहां भी मिलें, काफिरों का कत्ल करो। अगर वे आप पर आक्रमण करते हैं तो उन्हें मार डालो। यही विश्वास न करने वालों का इनाम है। (कुरान 2:191) 2. जो नास्तिक हैं, उनके लिए दर्दनाक अन्त का अभिशाप है। (कुरान 3:21) 3.जो अल्लाह और उसके पैगम्बर के विरुद्ध युद्ध करेंगे, उनका कत्ल कर दिया जाएगा या उन्हें सूली पर लटका दिया जाएगा या उनके परस्पर विपरीत हाथ और पाँव काट दिये जाएंगे या उन्हें देश से निष्कासित कर दिया जाएगा। इस दुनिया में उन्हें इस तरह से तिरस्कृत किया जाएगा और दूसरी दुनिया में उनके लिए भयंकर बरबादी लिखी हुई है। (कुरान 5:33) 4. विश्वास न करने वाले नास्तिक सदा-सदा के लिए आग में जलेंगे। जब उनकी त्वचा आग में जल जाएगी तो नई त्वचा प्रदान की जाएगी, जिससे वे लगातार कष्ट झेलते रहें। (कुरान 4:56) 5. विश्वास न करने वाले काफिर को उबलता पानी पीने के लिए मजबूर किया जाएगा और वे दर्दनाक अन्त के लिए अभिशप्त हैं। (कुरान 6:70) ।[1] मुसलमान ,अज्ञानतावश मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह पिटारा लगभग 1400 साल पहले दुनिया पर थोपा गया[2][3] हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद ﷺकी मौत/विसाल के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि अल्लाह द्वारा भेजे गए पाक संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहले नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) थे

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