"कोरोना काल मे अनलाइन पढाई के अनुभव" पर निबंध लिखिए
Answers
दिल्ली की रहने वालीं अनीता सिंह (बदला हुआ नाम) का बेटा एक निजी स्कूल में छठी क्लास में पढ़ता है. कोरोना वायरस के कारण आजकल स्कूल बंद हैं तो उनके बेटे की स्कूल से ऑनलाइन क्लासेस (कक्षाएं) चल रही हैं.
एक तरफ़ अनीता ख़ुश हैं कि स्कूल बंद होने पर भी बेटे की पढ़ाई हो रही है तो दूसरी तरफ़ उन्हें ये भी चिंता है कि बच्चे को चार से पांच घंटे मोबाइल लेकर बैठना पड़ता है.
वो कहती हैं कि वैसे तो कहा जाता है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें लेकिन अभी बच्चे को पढ़ाई के लिए ही मोबाइल इस्तेमाल करना पड़ रहा है. उसके बाद वो टीवी भी देखता है तो उसका स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. इसका बच्चे की सेहत पर क्या असर होगा.
आजकल माता-पिता कुछ ऐसी ही दुविधा से दो-चार हो रहे हैं. बच्चे को पढ़ाना भी ज़रूरी है लेकिन उसकी सेहत भी अपनी जगह अहम है. साथ ही बच्चा कितना समझ पा रहा है ये भी देखना ज़रूरी है.
दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मार्च से ही स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि स्कूल कब से खुलेंगे और नया सिलेबस कब शुरू हो पाएगा.
· 18 महीने से कम उम्र के बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल ना करें.
· 18 से 24 महीने के बच्चे को माता-पिता उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम ही दिखाएं.
· 2 से 5 साल के बच्चे एक घंटे से ज़्यादा स्क्रीन का इस्तेमाल ना करें.
· छह साल और उससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के स्क्रीन देखने का समय सीमित हो. साथ ही वो किस गैजेट पर और क्या देख रहे हैं, इस पर माता-पिता ध्यान दें. ये सुनिश्चित करें कि टीवी, मोबाइल या लैपटॉप पर इतना समय ना बिताए कि बच्चे के पास सोने, फिजिकल एक्टिविटी और अन्य ज़रूरी कामों के लिए समय कम पड़ जाए.