Math, asked by kartikkumarsharma768, 8 months ago

कोरोना काल में घटनाओं पर पांच दिन की डायरी लिखै​

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Answered by irfan1728
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12th May,2020(Sunday)

कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।

Answered by Anonymous
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Answer:

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। इस वैश्विक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। प्रधानमंत्री के लॉकडाउन की घोषणा के चलते लोग घरों में कैद हो गए हैं। आम तौर पर एक दूसरे से बातचीत करने वाले लोग भी अपनी दिनचर्या को बदल लिया है।

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित 80 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार अर्जुन दास केशरी इन दिनों अपने राब‌र्ट्सगंज नगर स्थित निवास स्थान पर रह रहे हैं। उन्होंने अपने दिनचर्या में पूरी तरीके से बदलाव कर लिया है। आमतौर पर हमेशा उनके घरों पर साहित्य से जुड़े लोगों का आना जाना लगा रहता था। लेकिन इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर वह अलर्ट दिखाई दे रहे हैं। वह सुबह पांच बजे उठते है। नित्यक्रिया करने के बाद योग व प्रणायाम करते हैं। प्रतिदिन एक घंटा दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते पर्याप्त समय मिलने से कोरोना महामारी के विषय पर प्रतिदिन दो पेज की एक डायरी लिख रहा हूं कि इस महामारी का स्थायी समाधान क्या हो सकता है। इसके अलावा जो किताबें आधी-अधूरी लिखी पड़ी है उसको पूर्ण करने का काम कर रहा हूं। कई दिनों से पुरानी किताबों पर धूल जम गई थी, लेकिन इस समय पर्याप्त समय मिलने से उसकी साफ-सफाई प्रतिदिन कर रहा हूं। वे कहते हैं कि लॉकडाउन का सभी को पालन करना चाहिए। सावधानी बरतकर ही इस महामारी से निजात पा सकते हैं।

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