'कोरोना काल में 'कोरोना का डर' क्या मरीज के लिए घातक सिद्ध हुआ ? अपने आस-पास घटित किसी घटना का उल्लेख 100 शब्दों में लिखिए।o
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'कोरोना काल में 'कोरोना का डर' क्या मरीज के लिए घातक सिद्ध हुआ (आस-पास घटित एक घटना )
कोरोना का डर क्या होता है, विशेषकर कोरोना का डर। यह हमने कोरोना काल में जाना। जब अप्रैल के महीने में कोरोनावायरस की दूसरी लहर आई थी, तब हमारे पड़ोस में एक अंकल भी इसी डर का शिकार हो गये। दरअसल उनकी रिश्तेदारी में दो तीन रिश्तेदारों की मृत्यु कोरोनावायरस सो हो गई तभी से वह कोरोनावायरस के प्रति आशंकित रहते थे।
जब कोरोना की दूसरी लहर उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें लगने लगा कि उन्हें कोरोना हो गया है। उनके मन मे ये डर बैठ गया कि वो अब नही बचेंगे। जब उनकी पत्नी उन्हें अस्पताल लेकर गई और उनका टेस्ट हुआ तो पता चला कि उन्हें कोरोनावायरस नही है। लेकिन उन्होंने किसी बात पर विश्वास नहीं किया और घर आकर गुमसुम उदास रहने लगे उन्हें लगा कि उन्हें कोरोनावायरस हो गया है. और उनके घरवाले और डॉक्टरों से झूठ बोल रहे हैं। दो दिन बाद अचानक एक दिन रात को वह चल बसे। बाद में उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ लेकिन उन्हें कोरोनावायरस नहीं होने की पुष्टि हुई। करोना के डर ने उनके मन पर इतना गहरा असर डाला कि कोरोना न होने पर भी कोरोना का डर ही उनकी मौत का कारण बना।
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