'कोरोना काल में 'कोरोना का डर' क्या मरीज के लिए घातक सिद्ध हुआ ? अपने आस-पास घटित किसी घटना का उल्लेख 100 शब्दो में लिखिए।
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Explanation:
कोरोना वायरस, एक जिद्दी, जी घटिया और खौफनाक विषाणु, इस विषाणु ने कई लोगो की जान ले ली है, खासकर के वो लोग जो सावधानी बरकने ने नाकामियाब रहे, कुछ लोग तो सावधान रहकर भी अपनी जान गवा बैठे। भले ही इस विषाणु के वजह से सभी लोगो को मुफ्त की छुट्टियां मिली थी, वर्क फ्रॉम होम, का टैग लगा, लेकिन कई लोगो ने अपनी नौकरी गवा दी, कुछ लोग कम सैलरी के वजह से, तो कुछ एग लिमिटेशन के वजह से, यानी 40 से 60 साल के सिटीजन को नौकरी से निकाला गया, ताकि बाकी लोगो को भी नौकरी से पैसा कमा सके। फिर आया लॉकडॉन।
लॉकडाउन में लोग कई तरह से बदल गए, कुछ लोग हमेशा व्यस्त रहते काम करने में तो कुछ आराम करने में, स्कूल, कॉलेजेस बंद रहे, मंदिर, मूबी थिएटर इत्यादि भी बंद रहे, सभ कुछ ठप्प हो गया, यही कुछ 15-20 दिन बाद एक आशा थी के सब कुछ पहले जैसे हो जाए, लेकिन वह नहीं हो सका, यह विषाणु आगे आकर बोहोत ही भीषण रूप लेने लगा, वह 15 20 दिन के 15 20 महीने बीत गए लेकिन कोरोना हटने का नाम नहीं ले रहा था, ऐसे ही करते-करते एक साल बीत गया, डेढ़ साल बीत गए फिर रोशनी किलकिला उठी, कोरोना ने हार मान ली।
यदि आपको मैने समझाया हुआ, समझ में आया हो तो कृपया मुझे, Brainliest mark कर दीजिए।
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