कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई से लाभ और हानियाँ
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Answer:
ummeed karti hu ki aapko isse madad milegi
Explanation:
सबसे पहले बात करते हैं फायदों की....
बच्चों को कोचिंग के लिए नहीं जाना पड़ रहा है व आने-जाने का समय बच रहा है।
ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को थकान नहीं हो रही व घर पर ही बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं।
बच्चे पूरे समय अपने माता-पिता के सामने रहते हैं व सुरक्षा की दृष्टि से भी यह फायदेमंद है, वहीं बच्चों को पढ़ाई में क्या समस्या आती है, यह बात भी माता-पिता को पता चल रही है।
वहीं बात की जाए नुकसान की
वहीं बात की जाए नुकसान की
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है। लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से कई बार मोबाइल गर्म हो जाते है और ऐसे में दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।
वहीं बात की जाए नुकसान की ऑनलाइन क्लासेस से नुकसान की बात की जाए तो बच्चों को क्लास जैसा वातावरण नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन क्लासेस में टीचर्स के साथ इंटरेक्ट नहीं कर पाते। आपके साथ बहुत सारे दूसरे-दूसरे स्टूडेंट भी टीचर से सवालात करते हैं और आप मैसेज करते हैं तो हो सकता है कि अध्यापक आपके मैसेज न पढ़ पाए। मोबाइल, लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं, वहीं ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है। लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से कई बार मोबाइल गर्म हो जाते है और ऐसे में दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।
बच्चों को कोचिंग के लिए नहीं जाना पड़ रहा है व आने-जाने का समय बच रहा है।
ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों को थकान नहीं हो रही व घर पर ही बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं।
बच्चे एकांत में आराम से पढ़ सकते हैं। जब आपका मूड हो, जब मन करे तब आप क्लास को डाउनलोड करके देख सकते हैं अपने समयानुसार।
बच्चे पूरे समय अपने माता-पिता के सामने रहते हैं व सुरक्षा की दृष्टि से भी यह फायदेमंद है, वहीं बच्चों को पढ़ाई में क्या समस्या आती है, यह बात भी माता-पिता को पता चल रही है।