Hindi, asked by kirank5303838, 2 months ago

कोरोना के मरीज और डॉक्टर के बीच संवाद​

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Answered by Anonymous
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श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में चल रही रिवाइज्ड बेसिक कोर्स कार्यशाला में संकाय सदस्यों (फैकल्टी) को मरीजों और तीमारदारों के साथ किए जाने वाले व्यवहार और संवाद के बारे में बताया गया। इस दौरान संकाय सदस्यों को मेडिकल के छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक जानकारी देने के लिए कहा गया, जिससे वह कुशल और बेहतर डॉक्टर बन सके।

मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के लेक्चर थियेटर में एमसीआई (भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद) की गाइडलाइन के अनुसार कार्यशाला चल रही है। कार्यशाला में 27 संकाय सदस्यों को अपडेट किया जा रहा है। बुधवार को कार्यशाला के तीसरे दिन प्रभारी प्राचार्य प्रो. विमल गुसांई ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला सरकारी मेडिकल संस्थान हैं, जो अपने संकाय सदस्यों को अपने ही संस्थान में उक्त प्रशिक्षण दे रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डॉक्टरों के समक्ष काफी चुनौतियां हैं। इनका सामना करने के लिए कुशल डॉक्टर बनना जरूरी है। प्रशिक्षक डा. दीपा हटवाल ने मनोभाव, संवाद कुशलता और कौशल विकास के बारे में बताया। उन्होंने मरीज और तीमारदारों के साथ बेहतर संवाद पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण लेने के बाद संकाय सदस्य छात्र-छात्राओं को इसके बारे में बताए। जब छात्र-छात्राएं पढ़ाई करके सेवा करने संस्थान से निकलेंगे, तो वह एक परिपक्व डॉक्टर के रुप में समाज के सामने खड़े होंगे।

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