Hindi, asked by veerendrarajak12, 7 months ago

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Answered by Anonymous
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कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन एक नाटकीय अंदाज़ में बदल रहा है.

वो जिस तरह के रहन-सहन के आदी रहे हैं, उसमें बदलाव आ रहा है. हालांकि, ये बदलाव फ़िलहाल तो वक़्ती नज़र आ रहे हैं.

लेकिन, तारीख़ के पन्ने महामारियों के इतिहास बदलने की मिसालों से भरे पड़े हैं. बीमारियों की वजह से सल्तनतें तबाह हो गईं.

साम्राज्यवाद का विस्तार भी हुआ और इसका दायरा सिमटा भी. और यहां तक कि दुनिया के मौसम में भी इन बीमारियों के कारण उतार-चढ़ाव आते देखा गया.

आपको महामारियों के इतिहास बदलने की कुछ मिसालें बताते हैं-

Answered by rIhAn7954
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Answer:

ब्रिटिश रिसर्चरों ने दावा किया है कि बच्चों में दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन- कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं.

क्वींस यूनिवर्सिटी बेलफास्ट ने बच्चों पर अध्ययन कर रहा है और उसके मुताबिक जिन लक्षणों पर नज़र रखी जा रही है, उसमें इसे भी जोड़े जाने की ज़रूरत है.

मौजूदा समय में कोरोना वायरस के तीन ही आधिकारिक लक्षण हैं- बुख़ार, खांसी और स्वाद या गंध की पहचान का जाना. इसमें से कोई भी लक्षण होने पर व्यक्ति को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है और उनका टेस्ट कराया जाता है.

लेकिन बच्चों को लेकर ब्रिटिश रिसर्चरों के इस अध्ययन से लग रहा है कि इस सूची में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इस अध्ययन में करीब एक हज़ार बच्चों को शामिल किया गया. मेडरेक्सि में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक 992 बच्चों में 68 के शरीर में वायरस के एंटीबॉडीज देखने को मिले हैं.

जिन बच्चों में एंटीबॉडीज पाया गया है उनमें से आधे को कोविड-10 के निर्धारित लक्षण भी देखने को मिले हैं. हालांकि इनमें से किसी भी बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आयी है.

इस शोध दल के प्रमुख डॉ. टॉम वाटरफ़ील्ड ने बताया, "राहत की बात यह है कि बच्चे वायरस से बहुत बीमार नहीं हुए हैं. लेकिन हम ये नहीं जानते हैं कि उनसे वायरस कितने बच्चों तक पहुंचा है. हमारे अध्ययन से दस्त और उल्टी बच्चों में लक्षण के तौर पर देखे गए हैं. हमलोग इसे आधिकारिक लक्षण की सूची में जोड़ने पर विचार कर रहे हैं."

अमरीकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ने कोविड-19 के संभावित लक्षणों में जी मितलाना, उल्टी और दस्त आने को शामिल किया है.

इससे पहले ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने कोरोना वायरस के तीन लक्षणों को चिन्हित किया हुआ है.

इन लक्षणों का अंदाज़ा होते ही आपको सचेत होना है और तमाम एहितायात बरतने होंगे, जिसमें चिकित्सीय सलाह लेना भी शामिल है.

क्या हैं ये तीन लक्षण

लगातार खांसी का आना- इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये भी चिंता की बात हो सकती है.

बुख़ार- इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है.

दुनियाभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस से अब तक तीन करोड़ 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि नौ लाख 69 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि राहत की बात ये है कि दो करोड़ 31 लाख से अधिक लोग अब तक इस वायरस के संक्रमण से ठीक भी हो चुके हैं। इससे वहीं लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं, जिनमें वायरस के लक्षण गंभीर नजर आते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कोरोना के किन लक्षणों को गंभीरता से लेने की जरूरत है और कौन से लक्षण नजर आने पर ज्यादा परेशानी की बात नहीं है

कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। [1][2][3] गाय और सूअर में इनके कारण अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।

लातीनी भाषा में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो चन्द्रमा के चारों ओर किरण निकलती प्रतीत होती है उसको भी कोरोना कहते हैं।

सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस)

यह वायरस भी जानवरों से आया है। ज्यादातर लोग जो चीन शहर के केंद्र में स्थित हुआनन सीफ़ूड होलसेल मार्केट में खरीदारी के लिए आते हैं या फिर अक्सर काम करने वाले लोग जो जीवित या नव वध किए गए जानवरों को बेचते थे जो इस वायरस से संक्रमित थे। चूँकि यह वुहान, चीन से शुरु हुआ, इसलिये इसे वुहान कोरोनावायरस के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम सार्स-कोव २ (SARS- CoV 2) रखा है।

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