Hindi, asked by ansh2140, 4 hours ago

कोरोना महामारी के बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखिए

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Answered by arunkumarpandit1977
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Explanation:

हेलो मिस्टर प्रधानमंत्री,

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक अस्पताल के पीडीऐट्रिक आईसीयू में काम करने वाला डॉक्टर होने के नाते, मैं आपका ध्यान ज़मीनी हालात की ओर दिलाना चाहता हूं. एन95 तो भूल जाइए, हमारे पास सामान्य मास्क तक पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं. हमें अपने गाउन 2-3 दिन तक दोबारा इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं, जो बिना गाउन के काम करने के ही बराबर है. सभी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की सप्लाई बहुत कम है. अगर देश की राजधानी के बीचों-बीच स्थित एक अस्पताल की हालत ये है तो हम देश के दूसरे हिस्सों के लिए क्या ही उम्मीद ही जा सकती है.

बात ये है कि अगर आप इस महामारी से निपटने में हेल्थ सिस्टम की मदद करना चाहते हैं तो 'बाल्कनी में खड़े होकर ताली बजाने' की जगह आपको उन्हें उपकरण देने चाहिए. मुझे 99% भरोसा है कि ये खुला ख़त आपतक नहीं पहुंचेगा, लेकिन फिर भी इस उम्मीद में ये ख़त लिख रहा हूं कि दूसरे डॉक्टर और आम नागरिक खड़े होकर ताली बजाने की जगह एक प्रभावी समाधान के लिए एकजुट होंगे. अगर आप स्वास्थ्य कर्मियों को वो चीज़ें नहीं दे सकते, जो उन्हें अपनी और देश की सुरक्षा के लिए चाहिए तो तालियां बजाकर उनका मज़ाक ना उड़ाएं.

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Answered by llEmberMoonblissll
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Answer:

संवाद सहयोगी, खरखौदा: लोगों ने शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की मांग की है। लोगों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिख सीएचसी में सुविधाओं की मांग के साथ ही शहर में फल-फूल रहे नशे के कारोबार पर रोक लगाने की भी गुहार लगाई है। पत्र में लोगों ने दवा विक्रेताओं पर आरोप लगाया है कि दवा की दुकानों पर धड़ल्ले से नशे के इंजेक्शन और अन्य नशीली दवाई बेची जा रही हैं।

शहर के वार्ड-6 निवासी पूर्व मेजर रामफल मान सहित दिलबाग, अतरो देवी, धन ¨सह, रणबीर, नफे ¨सह व राजेंद्र आदि का कहना है कि खरखौदा में करोड़ों रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सही ढंग से क्षेत्रवासियों को फायदा नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि 50 बेड के अस्पताल के अनुसार यहां पर न तो चिकित्सक हैं ओर ना ही स्वास्थ्य उपकरण। जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है।

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