'कोरोना महामारी का दैनिक जीवन में प्रभाव को लेकर दो व्यक्तियों के बीच संवाद लिखिए।
Answers
(कोरोना महामारी का दैनिक जीवन में प्रभाव को लेकर रिया और सिया के बीच संवाद हो रहा है )
रिया : यार , यह कोरोना वायरस का प्रकोप तो बहुत ज्यादा फैल गया है , मुझे तो बहुत डर लग रहा है ।
सिया : हां डरने की तो बात ही है । यह ऐसी महामारी है , जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है । ऐसे में इस बीमारी से डरने वाली बात स्वाभाविक है ।
रिया : अब क्या होगा ?
सिया - भले ही इसका इलाज नहीं है , लेकिन हम इस वायरस के संक्रमण को फैलने से तो बचा ही जा सकता है । किसी भी रोग को होने की नौबत ना आने देना यानी रोग से बचाव भी एक अच्छा उपाय है ।
रिया : इसी कारण हमारी देश की सरकार ने लॉकडाउन किया था ताकि संक्रमण पूरे देश में ना फैल सके ।
सिया : बिल्कुल सही हमारे देश में ही नहीं विश्व के अनेक देशों में लॉकडॉउन चल रहा है । हालांकि कुछ देशों ने डर से लाकडाउन आरंभ किया , जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा ।
रिया : परन्तु हमारे देश में तो एक दम सही समय पर लॉकडाउं का निर्णय ले लिया गया था ।
सिया : बिल्कुल सही इसी कारण आज हमारे देश में कोरॉना महामारी का संक्रमण इतने बड़े स्तर पर नहीं फैल पाया । लोकडाउन करने का लाभ हुआ है ।
रिया : हा , यही कामना है कि जल्दी से जल्दी यह बीमारी ना केवल हमारे देश से बल्कि पूरे विश्व से समाप्त हो जाए ताकि हम लोग अपनी पहले वाली ज़िन्दगी जी सके और सब कुछ पहले की तरह ठीक हो जाए ।
सिया : हा , हम अपने मकसद में कामयाब होंगे और कॉरोना को हराकर ही दम लेंगे ।
सिया : हा , बिल्कुल ! हम जरूर कामयाब होंगे ।