कोरोना महामारी के दौरान अपने दोस्त को पत्र लिखिए
अपनी सुरक्षा के लिए अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लॉक डाउन का
पालन अवश्य करना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने लॉकडाउन के बारे में ये बातें हमें बताईं-
- लॉकडाउन एक प्रशासनिक आदेश होता है. इसे किसी आपदा के समय सरकारी तौर पर लागू किया जाता है. इसमें लोगों से घर में रहने का आह्वान और अनुरोध किया जाता है. इसमें ज़रूरी सेवाओं के अलावा सारी सेवाएं बंद कर दी जाती हैं. दफ़्तर, दुकानें, फ़ैक्टरियाँ और परिवहन सुविधा सब बंद कर दी जाती है. जहां संभव हो वहां कर्मचारियों से घर से काम करने के लिए कहा जाता है.
- लॉकडाउन में सज़ा का प्रावधान होना ज़रूरी नहीं है. एक तरह से लॉकडाउन को, बिना सज़ा के प्रावधान वाला कर्फ़्यू कहा जा सकता है. अगर लोग इसमें बाहर निकलते हैं तो पुलिस सिर्फ़ उन्हें समझाकर वापस भेज सकती है. उन्हें जेल या जुर्मान नहीं हो सकता. हालांकि, सरकार लॉकडाउन में भी सख़्ती कर सकती है. उत्तर प्रदेश प्रशासन ने ये कहा है कि लॉकडाउन के अंतर्गत कोई बाहर आता है तो छह महीने की सज़ा या जुर्मान लगाया जा सकता है.
- क़ानूनी पहलुओं पर जाएं तो कर्फ़्यू एक स्थापित प्रक्रिया रही है और प्रशासन के पास इसे लागू करने का अनुभव भी रहा है. लेकिन, लॉकडाउन एक नया प्रयोग है इसलिए व्यावहारिकता में कुछ नई बातें सामने आ रही हैं.
- वर्तमान समय में लॉकडाउन में ज़रूरी सेवाओं जैसे पुलिस, अग्निशमन, मेडिकल, पैरामेडिकल, मीडिया, डिलिवरी, पेट्रोल पंप, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल, बस स्टैंड, सुरक्षा सेवाएं, पोस्टल सेवाएं, टेलिकॉम एवं इंटरनेट सेवाएं, बैंक, एटीएम, पानी, बिजली, नगर निगम, ग्रॉसरी और दूध आदि सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई है. इनसे जुड़े लोग और वाहन बाहर जा सकते हैं.
- हालांकि, भारतीय रेलवे ने 25 मार्च तक के लिए अपनी सेवओं पर रोक लगा दी है.