Hindi, asked by aanyamaurya100, 2 months ago

कोरोना महामारी में मीडिया की भूममका ' विषय पर मयंक और माधि केबीच
samvad likhe
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Answered by jkour0751
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Answer:

कोरोना वायरस ने न केवल विश्व के सभी देशों को अप्रत्याशित झटका दिया है बल्कि हर सरकार को बुरी तरह से झकझोर कर भी रख दिया है.

लगभग सभी देशों ने पिछले साल भर के दौरान कोविड-19 से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने की कोशिशें तो की हैं. ये कुछ हद तक सफल भी हुईं, मगर उसके साथ-साथ ऐसे भी कदम उठाए हैं, जिन्हें प्रेस की स्वतंत्रता के लिए ख़तरा माना जा रहा है.

शुरू से ही यह साफ था कि कोई भी देश इस तरह की आपदा के लिए तैयार नहीं था. पर जब कोरोना वायरस तेजी से फैलने लगा और सरकारें चुनौती से निबटने में नाकाम रहीं तो ब्राजील से लेकर पाकिस्तान तक में उनकी आलोचना होने लगी.

एक तरफ समाचारपत्रों, रेडियो, टेलीविज़न चैनलों और वेबसाइटों पर आ रहे समाचार स्थिति की भयावहता और वास्तविकता का दिन-रात वर्णन कर रहे थे. दूसरी तरफ, सार्वजनिक स्तर पर निंदा बढ़ती जा रही थी. इससे न केवल अलोकतांत्रिक शासकों को बल्कि कई लोकतांत्रिक देशों में सत्तारूढ़ नेताओं में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई.

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