Hindi, asked by mukulsangwan498, 3 months ago

कोरोना महामारी से सुरक्षा के उपायों को बताते हुए 1 लघुकथा लिखिए​

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Answered by Anonymous
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कोरोना वायरस से जुड़ी सबसे रहस्यमयी और सनसनीखेज़ कहानी

जैसे जैसे कोविड-19 की महामारी दुनिया भर में बढ़ रही है, वैसे वैसे वैज्ञानिकों को नए कोरोना वायरस के बारे में एक अजीब, मगर बेहद चिंताजनक बात के सबूत पर सबूत मिल रहे हैं.इस वायरस के शिकार होने वाले बहुत से लोगों में खांसी, बुख़ार और स्वाद व गंध का पता न चलने के लक्षण दिखाई देते हैं.

जैसे जैसे कोविड-19 की महामारी दुनिया भर में बढ़ रही है, वैसे वैसे वैज्ञानिकों को नए कोरोना वायरस के बारे में एक अजीब, मगर बेहद चिंताजनक बात के सबूत पर सबूत मिल रहे हैं.इस वायरस के शिकार होने वाले बहुत से लोगों में खांसी, बुख़ार और स्वाद व गंध का पता न चलने के लक्षण दिखाई देते हैं.मगर, इससे संक्रमित कई ऐसे भी लोग हैं, जिनमें कोई लक्षण ही नहीं दिखते. और, इसी वजह से उन्हें कभी पता ही नहीं चलता कि वो कोविड-19 की बीमारी अपने साथ लेकर घूम रहे हैं. ये ठीक वैसे ही है, जैसे कोई इंसान अपनी जेब में बम लेकर चल रहा हो, और उसे इसकी ख़बर ही न हो.

जैसे जैसे कोविड-19 की महामारी दुनिया भर में बढ़ रही है, वैसे वैसे वैज्ञानिकों को नए कोरोना वायरस के बारे में एक अजीब, मगर बेहद चिंताजनक बात के सबूत पर सबूत मिल रहे हैं.इस वायरस के शिकार होने वाले बहुत से लोगों में खांसी, बुख़ार और स्वाद व गंध का पता न चलने के लक्षण दिखाई देते हैं.मगर, इससे संक्रमित कई ऐसे भी लोग हैं, जिनमें कोई लक्षण ही नहीं दिखते. और, इसी वजह से उन्हें कभी पता ही नहीं चलता कि वो कोविड-19 की बीमारी अपने साथ लेकर घूम रहे हैं. ये ठीक वैसे ही है, जैसे कोई इंसान अपनी जेब में बम लेकर चल रहा हो, और उसे इसकी ख़बर ही न हो.कोरोना वायरस पर रिसर्च करने वालों का कहना है कि दुनिया में कितने लोग वायरस से ऐसे संक्रमित हैं कि उनमें लक्षण नहीं हैं, इस बात का पता लगना बेहद ज़रूरी है. क्योंकि इसी से हमें ये पता चलेगा कि क्या ये 'साइलेंट स्प्रेडर' या गुप चुप तरीक़े से वायरस फैला रहे लोग ही महामारी का दायरा बढ़ा रहे हैं.

नए कोरोना वायरस के 'साइलेंट स्प्रेडर' का अंदाज़ा सबसे पहले सिंगापुर के डॉक्टरों को हुआ था. 19 जनवरी को जब सिंगापुर की एक चर्च में लोग सर्विस के लिए जमा हुए थे, तो उन्हें इस बात का क़तई अंदाज़ा नहीं था कि उनकी इस प्रार्थना सभा का असर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रसार पर पड़ने जा रहा है.

नए कोरोना वायरस के 'साइलेंट स्प्रेडर' का अंदाज़ा सबसे पहले सिंगापुर के डॉक्टरों को हुआ था. 19 जनवरी को जब सिंगापुर की एक चर्च में लोग सर्विस के लिए जमा हुए थे, तो उन्हें इस बात का क़तई अंदाज़ा नहीं था कि उनकी इस प्रार्थना सभा का असर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के प्रसार पर पड़ने जा रहा है.वो रविवार का दिन था. और इस चर्च की किसी आम प्रार्थना सभा की तरह एक सर्विस, मैन्डैरिन या चीनी भाषा में भी हो रही थी. 'द लाइफ़ चर्च ऐंड मिशन्स' की ये प्रार्थना सभा, एक इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर हो रही थी. इसमें पति पत्नी का एक जोड़ा भी शामिल था, जो उसी सुबह चीन से सिंगापुर आया था. दोनों की ही उम्र 56 बरस के आस पास थी.

Answered by sagarrajeshwari53
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Explanation:

प्रस्तावना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।

* कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

कोवाइड-19 / कोरोना वायरस में पहले बुख़ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा, मधुमेह या हार्ट की बीमारी है उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है। ज़ुकाम और फ्लू में के वायरसों में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं।

* कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तब?

इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं।

जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें।

कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है।

इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा।

कुछ अस्पताल एंटीवायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं।

उपसंहार : लगभग 18 साल पहले सार्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था। 2002-03 में सार्स की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पूरी दुनिया में हजारों लोग इससे संक्रमित हुए थे। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था। कोरोना वायरस के बारे में अभी तक इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है। कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते।

कोरोना वायरस को लेकर लोगों में एक अलग ही बेचैनी देखने को मिली है। मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी हो गई है, क्योंकि लोग तेजी से इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं जिससे कि कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।

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