कोरोना महामारी से सुरक्षा के उपाय के विषय में संस्कृत में पांच वाक्य लिखिए
Answers
Answer:
1. जांच, जांच और फिर से जांच
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़ इस महामारी के प्रसार को रोकने की दिशा में सबसे अहम कारक इसकी शुरुआती पहचान है.
बीबीसी ने जिन विशेषज्ञों से बात की, वे भी इसकी पुष्टि करते है. नेन्सवाह के मुताबिक, "कितने लोग संक्रमित हैं, ये जाने बिना आप ना तो इसके असर के बारे में जान सकते हैं और ना ही आप कारगर क़दम उठा सकते हैं."
अमरीका के टेंपल यूनिवर्सिटी के इपिडिमिलॉजी की प्रोफ़ेसर क्रायस जॉनसन इससे सहमत हैं. उनके मुताबिक यह सबसे ज्यादा अंतर पैदा करने वाला कारक है, जिन देशों ने जांच कराने पर जोर दिया वहां नए मामलों में कमी देखने को मिली, जिन देशों में जांच कराने पर जोर नहीं दिया गया वहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े.
2. संक्रमित मरीज को एकांत में रखना
प्रोफ़ेसर क्रायस जॉनसन बताती हैं, "मरीजों की पहचान, जांच और उन्हें एकांत में रखने की दिशा में दक्षिण कोरिया और चीन ने शानदार काम किया है." उनके मुताबिक जांच से संक्रमित शख्स को एकांतवास में भेजने में मदद मिलती है, साथ ही महामारी के प्रसार पर भी अंकुश लगता है. इतना ही नहीं इससे नए मामलों की जल्दी पहचान होने में भी मदद मिलती है.
क्रायस जानसन के मुताबिक चीनी अधिकारियों ने नए मामलों की पहचान के लिए अत्यधिक सक्रियता दिखाई और इसके चलते ही संक्रमण के मामलों में वहां कमी देखने को मिली है.
3. तैयारी और त्वरित कार्रवाई
नेन्सवाह खुद पश्चिम अफ्रीका में इबोला वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं. उनके मुताबिक़ किसी भी वायरस पर अंकुश लगाने का सबसे प्रभावी तरीका, संक्रमण फैलने से पहले त्वरित रफ्तार से अंकुश लगाने के लिए कारगर क़दम उठाना होता है.
उन्होंने कहा, "ताइवान और सिंगापुर जैसे देशों ने नए मामलों की पहचान और उन्हें अलग थलग रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की, यह महामारी के संक्रमण पर अंकुश लगाने वाला निर्णायक कदम साबित हुआ."
4. सोशल डिस्टैंसिंग
नेन्सवाह बताते हैं, "जब एक बार संक्रमण आपके देश में प्रवेश कर गया तब रोकथाम का कोई उपाय कारगर नहीं रह जाता है." ऐसी स्थिति आने पर आबादी को इसकी चपेट में आने से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका सोशल डिस्टैंसिंग है- ऐसा हॉन्ग कॉन्ग और ताइवन के उदाहरणों से भी जाहिर होता है.
हॉन्ग कॉन्ग ने जनवरी महीने में ही अपने लोगों को 'वर्क फ्रॉम होम' करने को कहा, सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया और सभी तरह के सामाजिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई.
5. साफ़ सफ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ाना
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की दिशा में नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता से रहना बेहद ज़रूरी कदम है.
नेन्सवाह बताते हैं, "कई एशियाई देशों को 2003 के सार्स संकट से सीखने को मिला था. इन्हें मालूम था कि साफ़ सफ़ाई से लोग बीमार नहीं होते और दूसरों में संक्रमण फैलने की आशंका भी कम होती है."
Answer:
BBC News, हिंदीसामग्री को स्किप करें
सेक्शन
होम पेज
कोरोनावायरस
भारत
विदेश
मनोरंजन
खेल
विज्ञान-टेक्नॉलॉजी
सोशल
वीडियो
विज्ञापन
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के पांच सबसे कारगर उपाय
24 मार्च 2020
अपडेटेड 25 मार्च 2020

इमेज स्रोत,GETTY IMAGES
कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. पूरी दुनिया में इसे लेकर पैनिक की स्थिति देखने को मिल रही है.
हर दिन हज़ारों नए मामले सामने आ रहे हैं जबकि सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है. दुनिया भर के कई शहरों और पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिल रही है.
दुनिया भर में हवाई उड़ानें, अंतरराष्ट्रीय इवेंट और सालाना जलसे रद्द किए जा रहे हैं.
यूरोप इस बीमारी का नया केंद्र बनकर उभरा है जबकि लैटिन अमरीका, अमरीका और मध्य पूर्व के देशों में संक्रमण फैलने की दर प्रतिदिन बढ़ रही है.
विज्ञापन
24 मार्च तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 16,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3,87,000 से ज्यादा संक्रमण देखने को मिले हैं.
छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें
और ये भी पढ़ें

कोरोनाः क्या आंध्र प्रदेश वाला वैरिएंट कई गुना ज़्यादा ख़तरनाक है

भारत की कोरोना महामारी कैसे पूरी दुनिया पर पड़ेगी भारी

कोविड कहर: भारत में दूसरा कोरोना वैरिएंट इतना ख़तरनाक क्यों है?

कोरोना वैक्सीन: दुनिया में कितनों का हुआ टीकाकरण, क्या हैं चुनौतियाँ
समाप्त

वीडियो कैप्शन,
कोरोनावायरस हो तो ले सकते हैं ब्रूफ़ेन?
संक्रमण पर अंकुश
हालांकि कुछ देश इस वायरस के संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगा पाने में कामयाब रहे हैं.
अजीब संयोग यह है कि ये वैसे देश हैं जो भौगोलिक तौर पर चीन से नजदीक स्थित एशियाई देश हैं. इस वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई थी.
लेकिन चीन के पड़ोसी देश इस वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने में कामयाब दिख रहे हैं.
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में महामारी रोगों के विशेषज्ञ टॉलबर्ट नेन्सवाह ने बीबीसी को बताया, "कुछ देश हैं जिन्होंने इसे फैलने पर अंकुश लगाया है, उनसे हम सबको सीखना चाहिए. मैं केवल चीन की बात नहीं कर रहा, जिसने आक्रामक तौर तरीकों से इस पर अंकुश लगाया है. हालांकि उन तौर तरीकों को लोकतांत्रिक देशों में लागू करना संभव नहीं होगा. लेकिन दूसरे देश भी हैं जिन्होंने दूसरे कारगर तरीकों का इस्तेमाल किया है."