कोरोना और हमारा जिवन.... अनुच्छेद लेखन..
Answers
Answer:
कोरोना वायरस की वजह से हमारे जीवन में व्यापक बदलाव आए हैं. ना केवल हमारे निजी जीवन पर बल्कि हमारे रिश्तों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है. लेकिन महामारी के इस दौर में हम ख़ुद और अपनो को कैसे बचाएं और कैसे सुरक्षित रखें इसके लिए तमाम तरह की जानकारी, सुझाव और सलाह मौजूद हैं.
Answer:
से उपजे संकट ने मानव जीवन को गहरे घाव दिये हैं। स्वास्थ्य संकट, भय, निराशा, अनिष्ट की आशंका जैसी अनेक मानसिक समस्याएं-परिस्थितियां उभरी हुई हैं। ऐसे नाजुक क्षणों में हमें चुनौतियों का सामना करना होगा। संयम, विवेक और संतुलन से आगे बढ़ना होगा। संतुलित एवं स्वस्थ जीवन के लिये उतावलापन नहीं, नापसन्दगी के क्षणों में बौखलाहट नहीं, सिर्फ धैर्य, स्वविवेक एवं साहस को सुरक्षित रखना होगा। कोरोना का प्रकोप इसलिये भी भयावह बना हुआ है कि हमने स्वयं को भुला दिया है। प्रकृति एवं पर्यावरण से हमारा जीवन कट गया है। कोरोना के संकट एवं महामारी के प्रभाव को निस्तेज करने के लिये हमें अपने मनोबल को मजबूत करना होगा, आत्मविश्वास जगाना होगा, स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार करना होगा। ‘डूइंग वर्क यू लव’ किताब के लेखक और प्रसिद्ध मोटिवेशल गुरु शेरेल गिलमेन लिखते हैं, ‘मैंने अपनी जिंदगी में खुशियां बहुत मुश्किलों से पाईं। यह समझना थोड़ा दुरूह है कि आप अपनी जिंदगी से क्या चाहते हैं।’ कई बार आप जो चाहते हैं, जो आपको अच्छा लगता है, आपके आसपास वाले वह करने नहीं देते। लेकिन कोरोना महासंकट ने आपको यह अवसर दिया है कि आप अपने मन की करें, लिखना पसन्द है तो लिखें। कविता करना पसन्द है तो कविता करें। चित्र बनाना चाहते हैं तो चित्र बनायें। जब यह बात समझ में आ जायेगी, तो जिंदगी पहेली या समस्या न रहकर खुशी का स्रोत बन जायेगी। आप अगर अपनी इच्छा के विरुद्ध काम करते हैं तो निश्चित ही आप खुश नहीं हो पाएंगे।