Hindi, asked by rekhaparvenudaniyain, 3 months ago

कोरोना पर कविता लिखें और 50 अंक लें​

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Answered by naveenjoshi01974
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लो आखिर मैंने लिख ही दी, पीड़ा विश्व के मानव की

लो लिख दी कविता मैंने, धरती पर आए दानव की

लिख दिया लेखनी से मैंने, महामारी का काला परचम

मानव की कुछ भूलों से , कैसे निकला मानव का दम।

संस्कारो को भूल गए और पाश्चात्य को अपनाया

जो काम कभी करते थे हम, उनको हमने बिसराया

कन्द, मूल ,फल भूल गए हम, लेग पीस हमें भाया

फिर कोरोना के चक्कर में, हर कोई देखो पछताया।

यदि बढ़ानी है प्रतिरक्षा ,तो नित्य प्रति व्यायाम करो

हर घंटे साबुन से ,हाथो का स्नान जरूरी है

कोरोना से लड़ना है तो ,कर्फ्यू जाम जरूरी है।

और जरूरी है अपनाना पुरातन संस्कृति को

हाथ मिलाना छोड़ आज, नमस्ते वाली रीति को

यदि बचना इससे है तो ,एक अनूठी ढाल जरूरी है

जब भी छींको, खांसो तुम ,मुंह पर रूमाल जरूरी है।

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Answered by ITZANIRUTH
1

लो आखिर मैंने लिख ही दी, पीड़ा विश्व के मानव की

लो लिख दी कविता मैंने, धरती पर आए दानव की

लिख दिया लेखनी से मैंने, महामारी का काला परचम

मानव की कुछ भूलों से , कैसे निकला मानव का दम।

संस्कारो को भूल गए और पाश्चात्य को अपनाया

जो काम कभी करते थे हम, उनको हमने बिसराया

कन्द, मूल ,फल भूल गए हम, लेग पीस हमें भाया

फिर कोरोना के चक्कर में, हर कोई देखो पछताया।

यदि बढ़ानी है प्रतिरक्षा ,तो नित्य प्रति व्यायाम करो

हर घंटे साबुन से ,हाथो का स्नान जरूरी है

कोरोना से लड़ना है तो ,कर्फ्यू जाम जरूरी है।

और जरूरी है अपनाना पुरातन संस्कृति को

हाथ मिलाना छोड़ आज, नमस्ते वाली रीति को

यदि बचना इससे है तो ,एक अनूठी ढाल जरूरी है

जब भी छींको, खांसो तुम ,मुंह पर रूमाल जरूरी है।

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