कोरोना से मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा है । इस विषय पर अपने विचार प्रकट करिए। कृपया उत्तर बड़ा दे एक या दो page ka दे
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तीन महीने पहले चीन के वुहान शहर से हुआ कोरोना का कहर देखते ही देखते दुनिया के लगभग सभी देशों तक पहुंच गया है। कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या दुनियाभर में चार लाख तक पहुंच गई है और 17 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में तो कोरोना के कारण चीन से भी ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। कोरोना को लेकर कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति है, अर्जेन्टीना में भी 20 मार्च को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। भारत में भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया|हालांकि जनता कर्फ्यू की सफलता देखते हुए कई राज्यों में 22 मार्च को ही लॉकडाउन या कर्फ्यू लागू कर दिया गया था लेकिन अब भारत में कोरोना के मंडराते खतरे के मद्देनजर देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है। देश में अभी तक कोरोना के करीब साढ़े पांच सौ मामले सामने आ चुके हैं और कोरोना का खतरा निरन्तर गहरा रहा है। खतरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो सप्ताह में ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या दस गुना से ज्यादा हो गई। यही कारण है कि केन्द्र सरकार सहित तमाम राज्य सरकारें इसे द्वितीय चरण से तीसरे चरण में पहुंचने से रोकने के लिए कमर कस रही हैं।आमतौर पर जब भी कोई प्राकृतिक संकट आता है तो कुछ देशों अथवा राज्यों तक ही सीमित रहता है लेकिन इस बार का संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर की पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक को अब अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि कोरोना के आसन्न खतरे को हल्के में लेना देश के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। दरअसल अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में भारत में कोरोना के गहराते खतरे को देखते हुए हर किसी की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है क्योंकि भारत जैसे सवा अरब से भी अधिक आबादी वाले विकास के लिए प्रयत्नशील देश पर कोरोना का संकट कोई सामान्य बात नहीं है। कोरोना के इसी आसन्न खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सप्ताह में दो बार राष्ट्र के नाम अपने संदेश में देशवासियों से बचाव के लिए के नाम अपने संदेश में देशवासियों से बचाव के लिए संयम का संकल्प लेने का आव्हान किया और घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। आज के समय में सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहों पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाए जाने की सख्त जरूरत है। कई बार गलत सूचनाओं के कारण समाज में दहशत का माहौल भी बन जाता है। प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि देश को कोरोना के बड़े खतरे से बचाने के लिए ऐसी अफवाहों से बचते हुए केवल सरकार तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ही पालन किया जाए। कि लोगों को कोरोना को लेकर घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने और भीड़-भाड़ से बचने तथा सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को अपनाने की जरूरत है। एम्स विशेषज्ञों के मुताबिक जिन मरीजों को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, कैंसर जैसे रोग हैं, उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे मरीज भीड़-भाड़ से बचें और बार-बार हाथ धोते रहें। एम्स की जागरूकता दिशा-निर्देश पुस्तिका के अनुसार कोरोना वायरस फर्श अथवा जमीन पर कितने समय तक रहता है, इसका कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार फर्श पर यह वायरस कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक जीवित रह सकता है, जो तापमान तथा परिस्थितियों और फर्श की प्रकृति पर निर्भर करता है। पुस्तिका के मुताबिक अगर फर्श संक्रमित है तो फर्श को संक्रमण रोधी तरल पदार्थ से साफ-सुथरा रखें और सर्दी जुकाम, छींक या बुखार से पीड़ित व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहें। कोरोना से बचाव का सबसे बेहतर उपाय यही है कि साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और भीड़भाड़ वाली जगहों के साथ-साथ अफवाहों से भी व्यापक दूरी बनाएंकि लोगों को कोरोना को लेकर घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने और भीड़-भाड़ से बचने तथा सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को अपनाने की जरूरत है। एम्स विशेषज्ञों के मुताबिक जिन मरीजों को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, कैंसर जैसे रोग हैं, उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे मरीज भीड़-भाड़ से बचें और बार-बार हाथ धोते रहें। एम्स की जागरूकता दिशा-निर्देश पुस्तिका के अनुसार कोरोना वायरस फर्श अथवा जमीन पर कितने समय तक रहता है, इसका कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार फर्श पर यह वायरस कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक जीवित रह सकता है, जो तापमान तथा परिस्थितियों और फर्श की प्रकृति पर निर्भर करता है। पुस्तिका के मुताबिक अगर फर्श संक्रमित है तो फर्श को संक्रमण रोधी तरल पदार्थ से साफ-सुथरा रखें और सर्दी जुकाम, छींक या बुखार से पीड़ित व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहें। कोरोना से बचाव का सबसे बेहतर उपाय यही है कि साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और भीड़भाड़ वाली जगहों के साथ-साथ अफवाहों से भी व्यापक दूरी बनाएं।