कोरोना से तुम्हारे जीवन में क्या बदलाव आया
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कोविड-19 महामारी हमें व्यक्ति और समाज के रूप में बदल रही है। इसके निहितार्थ दूरगामी होंगे और उनमें से कुछ अभी भी हमारी समझ से परे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमारे द्वारा अपनाई या टाल दी गई कुछ आदतें आगे के जीवन का हिस्सा बन जाएंगी। रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी दस ऐसी बातें, जिनके बारे में मैंने आकलन किया।
1. बुरी आदतें छोडऩे का अवसर : सार्वजनिक स्वच्छता बेहतर हो जाएगी। जैसे इधर-उधर थूकना, जो संक्रमण की बड़ी वजह है। कोविड-19 के कारण प्रशासन ऐसे लोगों को चेतावनी दे रहा है, जो आमतौर इस तरह थूकने के आदी होते हैं। आगामी दिनों में राजनीतिक, सामुदायिक और धार्मिक नेताओं को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों को हतोत्साहित करना चाहिए। देश की भलाई के लिए इस बुरी आदत से छुटकारा पाने का यह अवसर है।
2. वर्क फ्रॉम होम : सेवा क्षेत्र में घर से काम करने पर पेशेवरों और कंपनियों को कई फायदे हैं। यदि सभी नहीं तो हममें से काफी लोगों ने पिछले तीन सप्ताह से घर पर काम करने को संभव बनाया है, तो बाद में क्यों नहीं? ये प्रश्न विचारणीय भी है, क्योंकि हर व्यक्ति परिवार और कार्य के बीच संतुलन का बेहतर प्रयास करता है। कर्मचारियों को अच्छा लैपटॉप, हाईस्पीड इंटरनेट एक्सेस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देकर कंपनियां काम को सस्ता और सुलभ बना सकती हैं।
3. अनावश्यक यात्रा कम होगी : दैनिक आवागमन का पैटर्न भी बदल जाएगा। लोग रोज की लंबी अनुपयोगी यात्रा के बाद में जागरूक होंगे। अब एक-दो घंटे की मीटिंग या अदालत में महज 10 मिनट की सुनवाई के लिए दूसरे शहर जाने के लिए फ्लाइट के इस्तेमाल पर दो-तीन बार विचार करेंगे। यहां तक कि ब्लू चिप (बड़ी और भरोसेमंद) कंपनियों की बैठकें अब जूम जैसे प्लेटफॉर्म पर होंगी। सरकार और न्यायपालिका को भी ऐसे नवाचारों के लिए आगे आना चाहिए। कम ड्राइविंग और कम उड़ान से पर्यावरण भी सुधरेगा और कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा।
4. सोशल मीडिया : सोशल मीडिया बेकार की गपशप और मूर्खतापूर्ण चुटकलों का प्लेटफॉर्म नहीं रह जाएगा। परिवार के व्हाट्ऐप ग्रुप पर राजनीतिक बहस, स्कूल के ग्रुप में हंसी मजाक। मीम्स और जिफ फाइलों की भरमार। यह सब ‘बीसी’ (बिफोर कोरोना) रह जाएगा। पिछले कुछ हफ्ते से मेरे सोशल मीडिया पर ज्यादातर संदेश गंभीर किस्म के हैं, महामारी और इसके फैलाव के बारे में। व्हाट्सऐप और दूसरे सोशल मैसेजिंग ग्रुप अब शहरों और गांवों में फैल गया है। इन इनमें गपशप से परे उद्देश्य नजर आने लगा है, जो भविष्य के लिए सुखद बदलाव होगा।
5. टेलीमेडिसिन : टेलीमेडिसिन चिकित्सा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। टेलीमेडिसिन का अर्थ है दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों का इलाज करना और उन्हें शहर के डॉक्टरों से जोडऩा। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के इलाज के दौर में यह शहरी और मध्यमवर्गीय परिवारों की जरूरत बन गया है, खासकर वृद्ध लोगों के लिए। वे डॉक्टर्स से बात करने और बाहर जाने से बचने के लिए वीडियो कॉलिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे अस्पतालों में लंबी कतार से भी बचेंगे। इसके बेशुमार संभावनाएं हैं, मुझे सुंदरबन के एक छोटे से गांव के बारे में पता है, जिसमें चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं। अब वहां एक डिजिटल डिस्पेंसरी है, जहां डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपचार कर रहे हैं। आने वाले समय में डॉक्टर वीडियो परामर्श के टाइम स्लॉट तय कर देंगे ।
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