कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी' विषय पर 200-250 शब्दों में दिए गए संकेत बिन्दुओं आधार पर एक निबंध लिखिए | संकेत बिंदु : 1. प्रस्तावना / भूमिका 2.कारण और निवारण (बचने के उपाय ) 3. नागरिकों की भूमिका 4.प्रभाव (शिक्षा पर, अर्थव्यवस्था पर, लोगों के जीवन पर ) 5.निष्कर्ष
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1-प्रस्तावना-बीमारियां कई प्रकार की होती हैं उनमें से कुछ सामान्य बीमारियां होती हैं तथा कुछ जटिल बीमारियां होती हैं जब इन्हें जटिल बीमारियों का कोई इलाज नहीं मिलता तात्पर्य असाध्य हो जाती हैं तो उन्हें महामारी घोषित कर दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार वैश्विक महामारी नोवल कोरोनावायरस या कोविड-19 है इसे महामारी डब्ल्यूएचओ यानी कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा घोषित किया गया इसके उत्पादन का केंद्र चाइना के बीजिंग लैब से निकलने की आशंका जताई जा रही है अगर चीन चाहता तो हजारों लाखों निर्दोष जिंदगियों को बचा सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया यदि वह डब्ल्यूएचओ को सूचित कर देता और अपने देश में लॉकडाउन लगा देता
2-कारण और निवारण-जैसा कि हम जानते हैं कि क्रोना वायरस एक असाध्य लाइलाज बीमारी है इसके लिए कोई विशेष दवा या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है इससे बचने का केवल दो ही तरीके हैं पहला सुरक्षा तथा दूसरा आक्रमण सुरक्षा हम बार-बार हाथ धोकर कर सकते हैं तथा आक्रमण हम मास्क तथा 2 गज की दूरी बनाकर कर सकते हैं हम उन्हींें हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए जिसमें 65 फ़ीसदी अल्कोहल हो तभी हम स्वयं और अपने परिवार के लोगों को सुरक्षित रख सकते हैं जब हम और हमारा परिवार सुरक्षित रहेगा तो हमारा समाज और हमारा देश स्वता ही सुरक्षित हो जाएगा।
3-नागरिकों की भूमिका-क्रोना वैश्विक महामारी से लड़ने में नागरिकों की भूमिका सरकार से ज्यादा है सरकार हमें केवल गाइडलाइंस बता सकती है लेकिन उसका पालन हमें ही करना है सभी मनुष्य को गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए तथा दूसरों को भी यह बताना चाहिए की वह भी इसका पालन करें मौजूदा समय में भारत की लगभग आबादी इस गाइडलाइंस का पालन कर रही है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जान खतरे में तो डाली रहे हैं तथा दूसरों की भी जान खतरे में डाल रहे हैं।
4-प्रभाव शिक्षा पर अर्थव्यवस्था पर तथा लोगों की जीवन पर-यह पहली बार नहीं हुआ है कि देश में वैश्विक महामारी आई हो आज से लगभग 100 साल पहले प्लेg नामक वैश्विक महामारी ने हाहाकार मच आया हुआ था जिसमें भारत के करीब 5 करोड़ लोगों ने अपनी जान गवा दी थी/ नोबेल क्रोना वायरस की वजह से शिक्षा तथा अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है भारत की क्षमाही अर्थव्यवस्था माइनस में चली गई है तथा बहुत से मजदूर , कारीगर को भूखों मरने की नौबत आ गई है। इसके साथ ही क्रोना वायरस का बुरा प्रभाव शिक्षा पर भी देखने को मिलता है जिसमें भारत के करोड़ों बच्चे स्कूल जाने में असमर्थ हैं तथा जो शहरी बच्चे हैं वह तो ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर सकते हैं लेकिन जो देहात के बच्चे हैं उनका भविष्य को अंधकार में प्रतीत हो रहा है उनके अभिभावक इतने समर्थ नहीं है कि वह लैपटॉप और स्मार्ट मोबाइल फोन से अपने बच्चों को पढ़ा सकें। इसके साथ ही क्रोनाका बुरा प्रभाव मनुष्य के मस्तिष्क पर हो रहा है बहुत से लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं।
5-हम यह कह सकते हैं कि नोबेल क्रोना वायरस ने संपूर्ण मनुष्य जाति को रोक दिया है। भारत सहित अन्य देशों की अर्थव्यवस्था नीचे गिर गई है। तो सोचिए जो देश अंडर डेवलपिंग कंट्रीज में गिने जाते थे उनकी हालात कैसे होंगे।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।
* कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
* क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
कोवाइड-19 / कोरोना वायरस में पहले बुख़ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। बुजुर्ग या जिन लोगों को पहले से अस्थमा, मधुमेह या हार्ट की बीमारी है उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है। ज़ुकाम और फ्लू में के वायरसों में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं।
* कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाए तब?
इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं।
जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें।
कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है।
इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा।
कुछ अस्पताल एंटीवायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं।
* क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इनके मुताबिक हाथों को साबुन से धोना चाहिए।
अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढंककर रखें।
जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों, उनसे दूरी बनाकर रखें।
अंडे और मांस के सेवन से बचें।
जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
* मास्क कौन और कैसे पहनें?
अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है।
अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा।
जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
* मास्क पहनने का तरीका :-
मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए।
अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए।
मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढंका रहे।
मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए।
हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए।
* कोरोना का ख़तरा कैसा करें कम, पढ़ें उपाय
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं।
अपने हाथ अच्छी तरह धोएं।
खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढंक लें।
हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।
कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोकें?
सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें।
घर में मेहमान न बुलाएं।
घर का सामान किसी और से मंगाएं।
ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं।
अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं, तो ज़्यादा सतर्कता बरतें।
अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें।
14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके।
अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है। अत: घर पर रहें।
उपसंहार : लगभग 18 साल पहले सार्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था। 2002-03 में सार्स की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। पूरी दुनिया में हजारों लोग इससे संक्रमित हुए थे। इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था। कोरोना वायरस के बारे में अभी तक इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है। कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते।
कोरोना वायरस को लेकर लोगों में एक अलग ही बेचैनी देखने को मिली है। मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनेटाइजर की कमी हो गई है, क्योंकि लोग तेजी से इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं जिससे कि कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।