कोरोना वायरस के चलते दुनिया की बहुत बड़ी आबादी घरों में कैद होने पर मजबुर हो गई है । लोगो का आपस में मिलना जुलना , ग्रीष्मावकाश में कहीं यात्रा पर जाना या रिश्तेदारों के यहा भी जाना भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं लगता सच पूछा जाए तो ये एक मुश्किल समय है ऐसे में आपका में भी कभी कभी उदास हो जाता है ऐसी स्तिथि में उभरने के लिए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें अतीत की याद भी हो और वर्तमान परिस्थितियों की बाते भी ।
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Answers
क ख ग विहार
नई दिल्ली ।
जून 10 , 2020
प्रिय मित्र ,
मधुर स्मृति ।
मैं यहां कुशल मंगल हूं और आशा करती हूं कि तुम भी वहां कुशल मंगल होगे । कितना अजीब लगता है जब एक ही शहर में रहते हुए भी हम एक दूसरे से मिल नहीं सकते , परंतु प्रभु की इच्छा के विरुद्ध कोई कुछ कैसे कर सकता है। कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन है और ऐसे में घर में बंद मन उदास हो जाता है जब अतीत की यादें आती हैं ।
इन सबके बीच बस उन सब यादों को याद करके ही दिल बहलाया जा सकता है । वर्तमान में तो दिनचर्या जैसे पहले से कहीं ज़्यादा सीमित हो गई है । अब पढाई तो होती है परंतु वह कक्षा पर्यावरण नहीं मिल पाता । खाली बैठे बैठे ध्यान अपने आप स्कूल की यादों में खो जाता है जब हम लोग कक्षा में बैठकर कक्षा के समय खाना खाया करते थे । अब तो ना कक्षा है , ना तुम और ना ही लंच बॉक्स होता है ।
आशा करती हूं कि यह सब जल्दी ही पहले की तरह हो और हम लोग एक बार फिर से मिल सकें । आंटी - अंकल को मेरा नमस्कार कहना । तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में ।
तुम्हारी मित्र
अ ब स