कोरोनावायरस के रहते घर बैठे पढ़ाई करने के बाद विश्वविद्यालय में एडमिशन के अनुभव कैसे रहे मौलिक अनुभव लिखिए
Answers
Answer:
लॉकडाउन की वजह से भावना की दोनों बेटियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं. उनका स्कूल ऑनलाइन क्लासेस के ज़रिए घर में ही पढ़ाई करवा रहा है. लेकिन भावना के घर में एक ही लैपटॉप है. उन्हें वर्क फ्रॉम होम भी करना है और दोनों बेटियों की अलग-अलग ऑनलाइन क्लास भी है. बेटियां स्मार्ट फोन से क्लास नहीं लेना चाहतीं, क्योंकि क्लास के दौरान शेयर स्क्रीन भी करनी होती है. जिसमें उनका कहना है कि दिक्क़त आती है.
पूरे देश में लॉकडाउन होने की वजह से बहुत-से माता-पिता बच्चों की पढ़ाई में इस तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं.
नोएडा स्थित विश्व भारती पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल विरा पांडेय कहती हैं कि कुछ मां-बाप ऐसी परेशानी बता रहे हैं, लेकिन हम क्लासेस की रिकॉर्डिंग भी करते हैं, जो वो बाद में भी देख सकते हैं. इसके अलावा व्हाट्सऐप के ज़रिए और फेसबुक पर क्लोस्ड ग्रुप बनाकर भी क्लासेस ले रहे हैं.
कई प्राइवेट स्कूल ज़ूम और माइक्रोसोफ्ट टीम जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लासेस ले रहे हैं. दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टलों पर कई भाषाओं में लेसन पढ़े जा सकते हैं.
लेकिन एक सर्वे के मुताबिक हर पांच में से दो माता-पिता के पास बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस के सेटअप के लिए ज़रूरी सामान ही नहीं है.
plzz make my answer as BRAINLIEST ❤️❤️