Hindi, asked by vijayps19506, 4 months ago

कोरोनावायरस के सकारात्मक सोच के बारे में अनुच्छेद​

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Answered by parishmitad978Pari
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कोरोना वायरस के कारण आज पूरे देश में लॉकडाउन है। सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं और वैसे भी इस समय देश की जो स्थिति है, वह चिंता का एक विषय बनी हुई है। इसके बाद दिन-रात सिर्फ कोरोना की खबरें देखकर मन-मस्तिष्क में एक डर व्याप्त हो गया है। हम दिन-रात सिर्फ कोरोना-कोरोना के बारे में सुनते हैं और यह हमारे मन में कहीं-न-कहीं एक नकारात्मकता को पैदा कर रही है।

लेकिन इस वायरस से हमें डरना या इसके संबध में जो जानकारी मिल रही है, उससे हमारे मन में नकारात्मकता को व्याप्त नहीं होने देना चाहिए। ऐसे समय में खुद को सकारात्मक रखना बहुत जरूरी है। यह बात जरूर सोचिए कि हर एक बुरी परिस्थिति कुछ अच्छा लेकर जरूर आती है। कोरोना एक बुरा दौर है, लेकिन इस समय को अगर हम सकारात्मक पक्ष से सोचें तो क्या कभी आपने ऐसा सोचा था कि आप इतना समय अपने परिवार को दे पाएंगे?

उस दिनचर्या में जब आप सिर्फ भाग रहे थे। न अपनों के लिए समय, न खुद के लिए। लेकिन आज आप अपनों के साथ एक बहुत अच्छा समय बिता रहे हैं, खुद की देखभाल कर रहे हैं, अपनों की देखभाल कर रहे हैं, तो बस इस दौर से परेशान होकर खुद को नकारात्मकता की ओर न ले जाएं। बस, इस बात का ध्यान रखें कि बुरा समय भी अपने साथ कुछ अच्छा ही लेकर आता है।

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