Hindi, asked by deepanshuk015, 3 days ago

कोरोना वायरस का देश और विश्व पर कैसा प्रभाव पड़ा​

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Answered by raginikumari37316
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नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ इक्के-दुक्के मामले सबसे पहले चीन में सामने आए और उसके कुछ माह बाद ही देखते-देखते इसने वैश्विक महामारी का रूप धारण कर लिया। इस महामारी के कारण वैश्वीकृत दुनिया की एक दूसरे के साथ मजबूती से जुड़ी हुई प्रणालियां पूरी तरह से बदल गई है। इस वायरस के प्रकोप पर काबू करने के प्रयास के तौर पर अलग-अलग देशों की सरकारों ने आने-जाने तथा सामाजिक मेल-जोल पर बंदिशें लगा दी जिसके कारण दुनिया की 7.8 बिलियन की आबादी में से एक तिहाई से अधिक आबादी इस समय इस महामारी के कारण एक तरह से अपने घरों में बंद रहने को मजबूर है।

कोरोना वायरस की महामारी के कारण वैश्विक स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है और अनेक लोगों के लिए लॉकडाउन नया ‘नियम’ बन गया है और अब यह धारणा तेजी से बन रही है कि आने वाले समय में जब तक कोरोना वायरस खत्म होगा तब तक दुनिया की सूरत हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाएगी।

आज इस बात को लेकर आम सहमति है कि अगले डेढ़ से दो साल तक पूरी दुनिया किसी न किसी रूप से संभवतः कोविड-19 के तात्कालिक खतरे से ही जूझती रहेगी और उसके बाद भी पुनर्निर्माण और इसके स्थाई प्रभाव निःसंदेह कई वर्षों तक महसूस किए जाते रहेंगे। दुनिया के कई हिस्सों में, सीमाएं बंद हैं, हवाई अड्डे, होटल और व्यवसाय बंद हैं, और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। ये अभूतपूर्व उपाय कुछ समाजों के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ रहे हैं और कई अर्थव्यवस्थाओं को बाधित कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां छूट रही है और व्यापक पैमाने पर भूख की छाया बढ़ रही है।

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