कोरोनावायरस से बचने के उपाय संस्कृत में
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साहित्य अकादमी सहित अन्य कई पुरस्कार से नवाजे जा चुके प्रो. शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने संस्कृत के प्रसार के लिए कई देशों की यात्राएं की हैं। प्रो. शर्मा ने पहली कविता लिखी थी कोरोनाक्रमण यानी कोरोना का आक्रमण। प्रो. शर्मा कहते हैं कि यह कविता बहुत अच्छी नहीं थी। इसके बाद उन्होंने विषाणु विसर्पणम यानी विषाणु का संक्रमण शीर्षक से कविता लिखी। उन्होंने इस कविता में 12 वंद लिखे हैं। जिसमें चीन के वुहान से लेकर इटली, स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका और भारत जैसे देशों में वायरस कैसे व्याप्त हो गया, इसका चित्रण किया है।
इस वायरस की वजह से पूरे विश्व की मानवता किस कदर संकट में आ गई है, उसका मार्मिक उल्लेख भी उनकी कविता में मिलता है। यही वजह है पहली कविता के मुकाबले प्रो. शर्मा की दूसरी कविता ज्यादा पसंद की जा रही है। प्रो. शर्मा ने बताया कि नीदरलैंड, थाइलैंड, अमेरिका आदि देशों के संस्कृत ही नहीं हिन्दी के विद्वानों ने भी उनकी कविता को सराहा है। कवि यश मालवीय भी इसकी सराहना की है।