क्रिप्स मिशन ने क्या प्रस्ताव रखे?
Answers
Answer:
क्रिप्स मिशन मार्च १९४२ में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत भेजा गया एक मिशन था जिसका उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अपने लिए भारत का पूर्ण सहयोग प्राप्त करना था। सर स्टैफोर्ड क्रिप्स इसके अध्यक्ष थे जो विंस्टन चर्चिल के मंत्रिमंडल के साम्यवादी झुकाव वाले एक वरिष्ट राजनेता एवं मन्तरी थे।
Answer:
क्रिप्स प्रस्ताव 30 मार्च, 1942 ई. को प्रस्तुत किया गया था। 1942 ई. में जापान की फ़ौजों के रंगून (अब यांगून) पर क़ब्ज़ा कर लेने से भारत के सीमांत क्षेत्रों पर सीधा ख़तरा पैदा हो गया था। अब ब्रिटेन ने युद्ध में भारत का सक्रिय सहयोग पाने के लिए युद्धकालीन मंत्रिमण्डल के एक सदस्य स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स को घोषणा के एक मसविदे के साथ भारत भेजा।
सिफ़ारिशें
23 मार्च, 1942 ई. को दिल्ली पहुँचकर विभिन्न नेताओं से सम्पर्क के पश्चात् 30 मार्च, 1942 ई. को क्रिप्स ने अपनी योजना प्रस्तुत की, जिसकी सिफ़ारिशें इस प्रकार थीं-
युद्ध के बाद एक ऐसे भारतीय संघ के निर्माण का प्रयत्न किया जाये, जिसे पूर्ण उपनिवेश का दर्जा प्राप्त हो। साथ ही साथ उसे राष्ट्रकुल से भी अलग होने का अधिकार प्राप्त होगा।
युद्ध के बाद प्रान्तीय व्यवस्थापिकाओं के निचले सदनों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एक संविधान निर्मात्री परिषद का गठन किया जायगा, जो देश के लिए संविधान का निर्माण करेगी। इस संविधान सभा में देशी रियासतों के भी प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं।
संविधान सभा द्वारा निर्मित किये गये संविधान को सरकार दो शर्तों पर ही लागू कर सकेगी।
नये भारतीय संविधान के निर्माण होने तक भारतीयों की रक्षा का उत्तरदायित्व ब्रिटिश सरकार पर होगा।
जो प्रांत इससे सहमत नहीं हैं, वे इसे अस्वीकार कर पूर्ववत स्थिति में रह सकते हैं या फिर वे पूर्णतः स्वतन्त्र रहना चाहते हैं, तब भी ब्रिटिश सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी।
भारतीय संविधान सभा तथा ब्रिटिश सरकार के मध्य अल्पसंख्यकों के हितों को लेकर एक समझौता होगा।