क) रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!
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Answer:
its meaning:-
फसल जब तैयार होती है जब सूर्य की किरणें और हवा उसे थिरकन प्रदान करती है। जब लाखो लोग मिलकर इसकी देखभाल करते हैं तब फसल तैयार होती है। इसलिए प्रकृति फसल तैयार करने में सबसे बड़ा योगदान देती है।
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पूरा प्रश्न : भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!
उत्तर : कवि की भावना यह है कि फसल केवल मानव श्रम का परिणाम नहीं है। सूर्य की किरणें उसे प्रकाश देती हैं, उसकी ऊष्मा, ऊर्जा प्रदान करती हैं जिससे फसलें पैदा होती हैं। वे अपना भोजन प्रकृति से प्राप्त करते हैं और बढ़ते हैं। हवा उन्हें गति देती है, तभी उसमें बीज बनता है और अनाज के रूप में हमें फसल प्राप्त होती है।
- यह प्रश्न फसल नामक कविता से ली गई है जिसके कवि नागार्जुन है l
- 'फसल' कविता का उद्देश्य लोगों को इस उपभोक्तावादी संस्कृति के बीच कृषि संस्कृति से परिचित कराना और मानव जीवन का आधार फसल के योगदान में प्राकृतिक तत्वों के साथ-साथ मानव श्रम को भी गरिमापूर्ण स्थान प्रदान करना है। कवि बताना चाहता है कि फसल हजारों नदियों के जल, विभिन्न प्रकार की मिट्टी के गुणों, हवा के स्पंदन, सूर्य की किरणों के परिवर्तन और किसानों के अथक परिश्रम का परिणाम है।
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