Political Science, asked by shaikhwahab163, 1 month ago

कार्टून बनाने वाले ने नये इराकी संविधान को 'ताश<br />के पत्तों का महल' क्यों कहा? क्या यह वर्णन<br />भारतीय संविधान पर लागू होगा?​

Answers

Answered by awargandpurushottam
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Answer:

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया, जिसे डॉ. बीआर आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था. इसी रूप में संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना.

इसी की याद में 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का चलन 2015 को शुरू किया गया. यह दिलचस्प है कि ये चलन उस साल शुरू हुआ जब डॉ. आंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती मनाई जा रही थी. यह राष्ट्र की तरफ से डॉ. आंबेडकर को दी गई श्रद्धांजलि है.

सवाल उठता है कि संविधान सभा की ज्यादातर बैठकों में औसतन 300 सदस्य मौजूद रहे और सभी सदस्यों को संविधान के निर्माण में समान अधिकार प्राप्त था. तो आखिर क्यों डॉ. आंबेडकर को ही संविधान का मुख्य वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है

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