कार्टून
मेहनती चीटियाँ और टीटू टिड्डा
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टीटू एक आलसी टिड्डा था। उसे काम
करना बिलकुल भी पसंद नहीं था। गर्मी के मौसम
में वह मस्त होकर धूप सेंकता और गिटार बजाना
रहता था। जब उसने ऐसे सुहावने मौसम
चीटियों को काम करते हुए देखा तो उसने उनका
बहुत मज़ाक उड़ाया। वह बोला, “ इतने सुहावन
मौसम में हरी-हरी घास, चमकती धूप और मीट
फलों का आनंद उठाने की बजाय तुम सब कामना
सुनकर चींटियों को बहुत गुस्सा आया। वे बोली
"टिड्डे भाई, भला गर्मी का मौसम कब तक
रहगा? हम सब बरसात के मौसम के लिए भोजन
इकट्ठा कर रही हैं ताकि उस समय हम भोजन
अपनी मनपसदधुन बजाकर गाना गान लगा
लगी हुई हो, तुमसे बड़ा मूर्ख कोई नहीं है।"
। वे
की दिक्कत न हो। हम सबको काम करने ।
आनंद आता है। हमारी मानो तो
तुम भी
मेहनत कर लो। परंतु टीटू न माना, वह फिर
मौसम बदला और बरसात का मौसम आ गया
कई दिन तक लगातार बारिश होती रही। टी
टिड्डे ने खाने के लिए कुछ भी इकट्ठा करके
नहीं रखा था। अब उसे खाने के भी लाले पड़ गए
परंतु इतनी बरसात में उसे भोजन कहाँ से मिलता।
जब भूख असहनीय हो गई तो वह मदद माँगन
चीटियों के घर जा पहुँचा। जब उसने दरवाजा
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खटखटाया तो चींटी रानी ने उससे वहाँ आने का
कारण पूछा। कार
का फल मिलना
उसे भरपेट भोज
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