क्रोध हमेशा नकारात्मक भाव के लिए नहीं कभी कभी सकारात्मक भाव के लिए भी होता है विषय के पक्ष और विपक्ष में लिखिए?
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जो व्यक्ति कभी क्रोध नहीं करता और जीवन में सदा सकारात्मकता हटना चाहता है लोग उसे कमजोर और कायर मानने लगते हैं। छोटे कच्चे भी क्रोध को रोकर या दुःख प्रकट कर व्यक्त करते हैं। बिना दुःख के क्रोध उत्पन्न ही नहीं होता। क्रोध में सदा बदले की भावना छिपी हुई नहीं होती बल्कि इसमें स्वरक्षा की भावना भी मिली होती है
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