क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता,कर्म या भाव के अनुसार होता हैं,उसे क्या कहते हैं?
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क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, जिसमें केवल सकर्मक क्रिया के वाक्य होते है। उसे कर्मवाच्य कहते हैं। कवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई।
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