कार्य का महत्व और उसकी संदरता ु उसके समय पर संपादित किए जाने पर ही है। अत्यंत
सघु ड़ता से किया हुआ कार्य भी यदि आवश्यकता के अनसार ु और समय के पर्वू र्व न परा ू हो
सके तो उसका किया जाना निष्फल ही होगा। चिड़ियों द्वारा खेत चगु लिए जाने पर यदि
रखवाला उसकी सरुक्षा की व्यवस्था करे तो सर्वत्रर्व उपहास का पात्र ही बनेगा। उसके देर से
किए गए उद्यम का कोई मल्ूय नहीं होगा। श्रम का गौरव तभी है जब उसका लाभ किसी
को मिल सके। इसी कारण यदि बादलों द्वारा बरसाया गया जल कृषक की फ़सल को
फलने-फूलने में मदद नहीं कर सकता तो उसका बरसना व्यर्थ ही है। अवसर का सदपयोग ु न
करने वाले व्यक्ति को इसी कारण पश्चाताप करना पड़ता है।
(क) जीवन में समय का महत्त्व क्यों है?
(i) समय काम के लिए प्रेरणा देता है।
(ii) समय की in परवाह लोग नहीं करत।े
(iii) समय पर किया गया काम सफल होता है।
(iv) समय बड़ा ही बलवान है।
(ख) खेत का रखवाला उपहास का पात्र क्यों बनता है?
(i) खेत में पौधे नहीं उगत।े
(ii) समय पर खेत की रखवाली नहीं करता।
(iii) चिड़ियों का इंतजार करता रहता है।
(iv) खेत पर मौजद नह ू ीं रहता।।
(ग) चिड़ियों द्वारा खेत चग ु लिए जाने पर यदि रखवाला उसकी सरुक्षा की व्यवस्था करे तो
सर्वत्रर्व उपहास का पात्र ही बनेगा। इसमें ‘उपहास का पात्र’ का अर्थ हर्थ ै:
(i) हँसी का पात्र
(ii) कृपा का पात्र
(iii) प्रशंसा का पात्र
(iv) दया का पात्र
(घ) बादल का बरसना व्यर्थ हर्थ ै, यदि
(i) गरमी शांत न हो।
(ii) फ़सल को लाभ न पहुँचे
Answers
Answer:
whatकार्य का महत्व और उसकी संदरता ु उसके समय पर संपादित किए जाने पर ही है। अत्यंत
सघु ड़ता से किया हुआ कार्य भी यदि आवश्यकता के अनसार ु और समय के पर्वू र्व न परा ू हो
सके तो उसका किया जाना निष्फल ही होगा। चिड़ियों द्वारा खेत चगु लिए जाने पर यदि
रखवाला उसकी सरुक्षा की व्यवस्था करे तो सर्वत्रर्व उपहास का पात्र ही बनेगा। उसके देर से
किए गए उद्यम का कोई मल्ूय नहीं होगा। श्रम का गौरव तभी है जब उसका लाभ किसी
को मिल सके। इसी कारण यदि बादलों द्वारा बरसाया गया जल कृषक की फ़सल को
फलने-फूलने में मदद नहीं कर सकता तो उसका बरसना व्यर्थ ही है। अवसर का सदपयोग ु न
करने वाले व्यक्ति को इसी कारण पश्चाताप करना पड़ता है।
(क) जीवन में समय का महत्त्व क्यों है?
(i) समय काम के लिए प्रेरणा देता है।
(ii) समय की in परवाह लोग नहीं करत।े
(iii) समय पर किया गया काम सफल होता है।
(iv) समय बड़ा ही बलवान है।
(ख) खेत का रखवाला उपहास का पात्र क्यों बनता है?
(i) खेत में पौधे नहीं उगत।े
(ii) समय पर खेत की रखवाली नहीं करता।
(iii) चिड़ियों का इंतजार करता रहता है।
(iv) खेत पर मौजद नह ू ीं रहता।।
(ग) चिड़ियों द्वारा खेत चग ु लिए जाने पर यदि रखवाला उसकी सरुक्षा की व्यवस्था करे तो
सर्वत्रर्व उपहास का पात्र ही बनेगा। इसमें ‘उपहास का पात्र’ का अर्थ हर्थ ै:
(i) हँसी का पात्र
(ii) कृपा का पात्र
(iii) प्रशंसा का पात्र
(iv) दया का पात्र
(घ) बादल का बरसना व्यर्थ हर्थ ै, यदि
(i) गरमी शांत न हो।
(ii) फ़सल को लाभ न पपहुँचे's pantocid