कार्यालय इन हिंदी का स्वरूप एवं दूरदर्शन लिखिए
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प्रयोजनमूलक हिन्दी के संदर्भ में 'प्रयोजन' विशेषण में 'मूलक' उपसर्ग लगने से 'प्रयोजनमू्लक' शब्द बना है। 'प्रयोजन' से तात्पर्य उदेश्य अथवा प्रयुक्त (Purpose of use) तथा 'मूलक' उपसर्ग से तात्पर्य आधारित (Based on) अत: प्रयोजनमूलक भाषा से तात्पर्य हुआ किसी विशि्ष्ट उदेश्य के अनुसार प्रयुक्त भाषा। इसी संदर्भ में प्रयोजनमूलक हिन्दी का अर्थ हुआ; ऐसी विशिष्ट हिन्दी जिसका प्रयोग किसी विशिष्ट प्रयोजन (उद्देश्य) के लिए किया जाता है। समान्यत: प्रयोजनमूलक हिन्दी पर विचार करने पर हिन्दी के मुख्यत: तीन रूप सामने आते हैं- बोलचाल की हिन्दी, साहित्यिक हिन्दी, प्रायोगिक हिन्दी। 'प्रयोजनमूलक अंग्रेजी के (Functional) शब्द का पर्याय है जिसका अर्थ कार्यात्मक, क्रियाशील होता है इससे प्रयोजनमूलक या व्यावहारिक अर्थ स्पष्ट नहीं होता जबकि Applied शब्द से अधिक सार्थक और स्पष्ट होता है। 'प्रयोजनमूलक' हिन्दी को व्यवहारिक, कामकाजी संज्ञाएँ भी दी जाती रही है, इन क्षेत्रों में सामान्यत: आपसी बातचीत, दैनदिन व्यवहार, सब्जी-मण्डी, पर्यटन आदि। इसके विपरीत, प्रयोजनमूलक हिन्दी का प्रयुक्र्ति क्षेत्र प्रशासन परिचालन, प्रौधोगिकी, ज्ञान-विज्ञान आदि। श्री रमाप्रसत्र नायक आदि 'व्यवाहारिक हिन्दी' की संज्ञा उचित नहीं मानतें उनके अनुसार 'प्रयोजनमूलक' संबोधन से लगता है इसके अतिरिक्त जो है वह निष्प्रयोजन है।लेकिन ब्रजेश्वर वर्मा जी कहते है कि 'निष्प्रयोजन जैसी कोई चीज नहीं होती बल्कि यह दिवालिया सोच की उपज है। 'प्रयोजनमूलक' व्यावहारिक या सामान्य शब्द नहीं किन्तु एक पारिभाषिक शब्द है। जिसका स्पष्ट और परिभाषित अर्थ " एक ऐसी विशिष्ट भाषिक संरचना से युक्त हिन्दी जिसका प्रयोग किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही किया गया हो।
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