कार्यक्रमों का परीक्षण करें। इसके क्रियान्वयन में सुधार के उपाए बताएँ।
"समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम' के विशेष संदर्भ में विभिन्न रोजगार-सृजन
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Answer:
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) भारत सरकार का सब्सिडी युक्त कार्यक्रम है। यह दो योजनाओं- प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम को मिलाकर बनाया गया है। इस योजना का उद्घाटन 15 अगस्त, 2008 को किया गया।
उद्देश्य
नए स्वरोजगार उद्यम/परियोजनाएं/लघु उद्यम की स्थापना के जरिए देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में ही रोजगार के अवसर पैदा करना,
बड़े पैमाने पर अवसाद ग्रस्त पारम्परिक दस्तकारों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को साथ लाना और जितना संभव हो सके, उनके लिए उसी स्थान पर स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराना,
देश में बड़े पैमाने पर पारम्परिक और संभावित दस्तकारों और ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगार युवाओं को निरंतर और सतत रोजगार उपलब्ध कराना ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की तरफ जाने से रोका जा सके
दस्तकारों की रोजाना आमदनी क्षमता को बढ़ाना और ग्रामीण व शहरी रोजगार दर बढ़ाने में में योगदान देना
Explanation:
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Explanation:
बेकारी की समस्या के प्रति सरकार प्रारंभ से ही बेहद गंभीर है। चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ‘न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम’, ‘क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम’, ‘काम के बदले अनाज कार्यक्रम’ तथा निश्चित रोजगार योजना इत्यादि जैसे महत्त्वपूर्ण योजना चलायी गयी। पुनः छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत निर्धनता संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों को मिलाकर कई कार्यक्रम चलाए गए थे जिनमें समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम, ग्रामीण भूमिहीन रोजगार कार्यक्रम तथा जवाहर रोजगार योजना जैसे कई कार्यक्रम चलाये गए जिसका सीधा प्रभाव बेकारी कम करने पर पड़ा जिसके फलस्वरूप देश में निर्धनता घटी तथा रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध हुए। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों में बेकारी खत्म करने हेतु निम्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
1. ग्रामीण युवा स्वरोजगार प्रशिक्षिण योजना
2. ग्रामीण महिला एवं बाल विकास योजना
3. जवाहर ग्राम समृद्धि योजना 2006 से उपरोक्त तीनों को मिलाकर संपूर्ण राष्ट्रीय, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2006, संचालित है जिसके कार्यान्वयन से बेरोजगारी की संख्या में कमी आयी है।
इस विभिन्न योजनाओं में सुधार हेतु निम्न उपाय किए जा सकते हैं-
(i) इन योजनाओं की जानकारी को आम जनता में पहुँचायी जाए।
(ii) इनके बारे में जनता से सहयोग ली जाय।
(iii) जनता को जागरूक कर सफलता को सुनिश्चित किया जाए।
(iv) इन योजनाओं में आरक्षण की व्यवस्था को लागू की जाये।
(v) इन योजनाओं में समाज के हाशिये पर खड़े लोगों को ध्यान में रखकर कार्यान्वित किया जाय।