Hindi, asked by kunait, 11 months ago

कारज धीरे होतु है, काहे होत अधीर।
समय पाय तरुवर फलै, केतक सींचौ नीर।। iska arth​

Answers

Answered by shivani3336
154

Answer:

इसका अर्थ हुआ की आपके बेचैन होने से कोई काम नही होने वाला, जिस प्रकार किसी पेड़ को बहुत पानी देने से जल्दी उसमें फल नहीं लगतें उसी प्रकार सही कार्य का सही वक़्त आएगा वो हो जाएगा ।

Answered by bhatiamona
62

Answer:

कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर।

समय पाय तरुवर फरै, केतिक सींचो नीर।।

यह दोहा पलटूदास सहाब जी का है |

इस दोहे में पलटूदास सहाब जी कहते है , हे मनुष्य तुम क्यों बेचैन होते हो किसी काम के लिए जब कोई काम होना होगा वह उचित समय पर हो जाएगा तुम्हें धैर्य रखने की जरूरत है | जिस प्रकार किसी भी पौधे में बहुत सारा पानी देने उसी समय वह बड़ा नहीं हो जाता और फल देने नहीं लगता | वह एक निश्चित  समय में बड़ा हो के फल देता है | उसकी प्रकार मनुष्य को भी अपने जीवन काम ले लिए सब्र रखना चाहिए , समय आने में सब कुछ आसानी से हो जाता है |

Similar questions