कारक किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
कारके कितने प्रकार के होते हैं? परसर्ग सहित उनके भेद लिखिए।
Answers
Explanation:
कारक (Case) की परिभाषा संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) सम्बन्ध सूचित हो, उसे (उस रूप को) 'कारक' कहते हैं। ... तभी वे वाक्य के अन्य शब्दों से सम्बन्ध रखने योग्य 'पद' होते है और 'पद' की अवस्था में ही वे वाक्य के दूसरे शब्दों से या क्रिया से कोई लगाव रख पाते हैं।कर्ता कारक – शून्य, ने (को, से, द्वारा)
कर्म कारक – शून्य, को
करण कारक – से, द्वारा (साधन या माध्यम)
सम्प्रदान कारक – को, के लिए
अपादान कारक – से (अलग होने का बोध)
संबंध कारक – का–के–की, ना–ने–नी; रा–रे–री
अधिकरण कारक – में, पर
संबोधन कारक – हे, हो, अरे, अजी
Answer:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। हिन्दी में आठ कारक होते हैं- कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण और सम्बोधन। विभक्ति या परसर्ग-जिन प्रत्ययों से कारकों की स्थितियों का बोध होता है, उन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं।
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