कारखानों की हानियॉं और लाभ पर निबंध
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कारखानों के लाभ
कारखानों के होने से मनुष्य के लिए किसानों के लिए रोजगार ना मिलने वाले लोगों के लिए रोजगार का एक साधन होता है जो कि बहुत लाभदायक होता है जिससे भी अपने घरवालों का अपने परिवार का पेट भरते हैं अपना घर चलाते हैं अपना परिवार नियोजन करते हैं कारखाने मुख्यता भारत देश की अपितु हर देश के कारखाने अपने हर देश के विकास का एक अटूट अदरक अंग होते हैं इनकार खाने फैक्ट्रियां चीजें ही भारत के विकास या दूसरे देश के विकास का एक अंग होते हैं जो कि उनकी अर्थव्यवस्था की होती हैं आपके देश के कारखाने सुनियोजित हर क्षेत्र में विकसित हैं तो आप की अर्थव्यवस्था प्रगतिशील रहेगी देश के कारखाने बहुत सी नई नीतियों को विकसित करते हैं नए उत्पाद बनाते हैं जो कि देश की जनता या आज चीजों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं जो बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आकर्षित करती हैं परंतु दूसरे पहलू से देखने पर कारखानों में कभी भी कुछ भी सही ना दिखने पर आपत्ति लगती है परंतु मनुष्य कुछ कह नहीं सकते कारखाने हमेशा अच्छी चीजों का निर्माण नहीं करते हैं इसका दुरुपयोग भी होता है मैं मानता हूं कि यह प्रकृति का एक नियम है यदि किसी चीज का उपयोग है उसका दुरुपयोग होना लाजमी है यह हर मनुष्य की सोच पर निर्भर करता है उपयोग दुरुपयोग एक विलोम शब्द का पर्यायवाची भी कह सकते हैं
कारखानों से हानियां.
कारखानों की हानियों की बात करें तो कारखानों से जितने लाभ होते हैं उससे कहीं ज्यादा हानियां होती हैं देश के ज्यादातर कारखाने सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं कभी अपने देश के लिए लाभदायक नहीं हो सकता मैं मैं जब भी चाइना या अमेरिका के कारखानों से अपने देश के कारखानों की तुलना करता हूं तो बड़ा अजीब लगता है वहां हर चीज से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं अपने कारखानों का कोई भी उत्पाद नष्ट नहीं करते व्यर्थ नहीं जाने देते अपने देश में ना तो कारखाने से निकलने वाली प्रदूषित वायु का कोई सही जरिया ढूंढते हैं उसे कष्ट ही वायु में जाने देते हैं जो कि मानव शरीर के लिए हानिकारक बहुत हानिकारक होता है और वहां से मल पदार्थ निकलने वाला सारा कचरा आज सब नदियों में पवित्र नदियों में बहा देते हैं उसका किसी भी तरह कोई रोकने का या उससे ऊर्जा या उसका उपयोग करने का कोई जरिया नहीं बनाया गया है या बहुत सी कंपनियां फैक्ट्रियां जरिया नहीं बना रही है उन्हें सिर्फ अपना फायदा देखना होता है इसीलिए यह हानियां मिलते हैं यदि साइंटिफिक मनोवैज्ञानिक तरीके से इस चीज को देखें तो हानियां कम करके उनका फायदा और बढ़ सकता है परंतु शुरूआत में हनी उठानी पड़ती है इसीलिए भारत में भ्रष्टाचार दूसरा पहलू होने की वजह से और लालच की वजह से ही तय किया मनुष्य जाति के लिए हर वर्ग के लोगों के लिए फैक्ट्रियों से हानियां ज्यादा प्राप्त होती हैं जो कि हमारे लिए हानिकारक है
कारखानों के होने से मनुष्य के लिए किसानों के लिए रोजगार ना मिलने वाले लोगों के लिए रोजगार का एक साधन होता है जो कि बहुत लाभदायक होता है जिससे भी अपने घरवालों का अपने परिवार का पेट भरते हैं अपना घर चलाते हैं अपना परिवार नियोजन करते हैं कारखाने मुख्यता भारत देश की अपितु हर देश के कारखाने अपने हर देश के विकास का एक अटूट अदरक अंग होते हैं इनकार खाने फैक्ट्रियां चीजें ही भारत के विकास या दूसरे देश के विकास का एक अंग होते हैं जो कि उनकी अर्थव्यवस्था की होती हैं आपके देश के कारखाने सुनियोजित हर क्षेत्र में विकसित हैं तो आप की अर्थव्यवस्था प्रगतिशील रहेगी देश के कारखाने बहुत सी नई नीतियों को विकसित करते हैं नए उत्पाद बनाते हैं जो कि देश की जनता या आज चीजों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं जो बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आकर्षित करती हैं परंतु दूसरे पहलू से देखने पर कारखानों में कभी भी कुछ भी सही ना दिखने पर आपत्ति लगती है परंतु मनुष्य कुछ कह नहीं सकते कारखाने हमेशा अच्छी चीजों का निर्माण नहीं करते हैं इसका दुरुपयोग भी होता है मैं मानता हूं कि यह प्रकृति का एक नियम है यदि किसी चीज का उपयोग है उसका दुरुपयोग होना लाजमी है यह हर मनुष्य की सोच पर निर्भर करता है उपयोग दुरुपयोग एक विलोम शब्द का पर्यायवाची भी कह सकते हैं
कारखानों से हानियां.
कारखानों की हानियों की बात करें तो कारखानों से जितने लाभ होते हैं उससे कहीं ज्यादा हानियां होती हैं देश के ज्यादातर कारखाने सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं कभी अपने देश के लिए लाभदायक नहीं हो सकता मैं मैं जब भी चाइना या अमेरिका के कारखानों से अपने देश के कारखानों की तुलना करता हूं तो बड़ा अजीब लगता है वहां हर चीज से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं अपने कारखानों का कोई भी उत्पाद नष्ट नहीं करते व्यर्थ नहीं जाने देते अपने देश में ना तो कारखाने से निकलने वाली प्रदूषित वायु का कोई सही जरिया ढूंढते हैं उसे कष्ट ही वायु में जाने देते हैं जो कि मानव शरीर के लिए हानिकारक बहुत हानिकारक होता है और वहां से मल पदार्थ निकलने वाला सारा कचरा आज सब नदियों में पवित्र नदियों में बहा देते हैं उसका किसी भी तरह कोई रोकने का या उससे ऊर्जा या उसका उपयोग करने का कोई जरिया नहीं बनाया गया है या बहुत सी कंपनियां फैक्ट्रियां जरिया नहीं बना रही है उन्हें सिर्फ अपना फायदा देखना होता है इसीलिए यह हानियां मिलते हैं यदि साइंटिफिक मनोवैज्ञानिक तरीके से इस चीज को देखें तो हानियां कम करके उनका फायदा और बढ़ सकता है परंतु शुरूआत में हनी उठानी पड़ती है इसीलिए भारत में भ्रष्टाचार दूसरा पहलू होने की वजह से और लालच की वजह से ही तय किया मनुष्य जाति के लिए हर वर्ग के लोगों के लिए फैक्ट्रियों से हानियां ज्यादा प्राप्त होती हैं जो कि हमारे लिए हानिकारक है
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labh or Hani dono h so aap Dekh lo
thanks for asking question
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