Hindi, asked by ps102, 1 month ago

केरल की धरती कैसी है?​

Answers

Answered by Oshi07
4

केरल की धरती उपजाऊ है।

mark as brainlest please

Answered by rupalipatil231977
2

Answer:

केरल की महान धरती भव्य पहाड़ियों और खूबसूरत जलराशियों से भरपूर है। इसकी जड़े जो इस धरती की बनावट से गहरी फैली हुई हैं जिसके कारण हमें अनेक प्राकृतिक उपहारों और नज़ारों का वरदान मिला है। इसी कारण, सदियों से यहाँ आने वाले सभी लोगों को लंबी शांति का अहसास होता है और हम इसी परंपरा को जारी रखना चाहते हैं। अपनी धरती के इन अनुभवों को दुनिया के हर कोने में फैलाने में पर्यटन विभाग हमारा नेतृत्व करता है। इस वेबसाइट को ऐसे अनेक दृश्य आपको दिखाने के लिए तैयार किया गया है जो हम आपके साथ साझा करना चाहते हैं और अपने राज्य के अनगिनत भव्य नज़ारे दिखाना चाहते हैं। केरल दोनों हाथ पसारकर आपका स्वागत करता है। हम आपकी इस यात्रा में आपका मार्गदर्शन करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

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भूगोल

भूगोल

केरल तीन भौगोलिक क्षेत्रों में बंटा हुआ है – उन्नत भूमि जो पश्चिमी घाटों से होकर लहरदार पहाड़ियों के भीतरी हिस्सों और घाटों से होकर अनेक सुंदर बैकवाटर, एक दूसरे से जुड़ी नहरों और नदियों की अटूट 580 कि.मीं. लंबी तटरेखा तक फैला है। जंगली भूमि घने जंगलों से आच्छादित है जबकि अन्य इलाके चाय और कॉफ़ी के बागानों या अन्य खेतों से भरपूर हैं। ज्यादातर राज्य हरा भरा है जिसके कारण यहां हमेशा शांत अनुभव मिलता है।

मौसम

मौसम

पूरे वर्ष खुशनुमा और समान जलवायु से संपन्न केरल उष्णकटिबंधीय भूमि है जहाँ आप चैन से आराम कर सकते हैं। यहाँ मानसून (जून-सितंबर और अक्तूबर-नवंबर) और गर्मियों का मौसम विशेष रूप से महसूस होता है जबकि शीत ऋतु में तापमान सामान्य स्तर यानी 28-32° सें. से कुछ ही कम होता है। यहाँ का आम तौर पर खुशनुमा जलवायु पर्यटकों को खुश कर देता है।

लोग और जीवन

लोग और जीवन

समाज कल्याण और जीवन स्तर के मामले में केरल भारत का सबसे उन्नत राज्यों में एक है। इस राज्य को भारत की सर्वाधिक साक्षरता दर, सबसे अधिक जीवन आयु और न्यूनतम शिशु मृत्यु दर की उपलब्धियाँ प्राप्त हैं। केरल की महिलाओं की साक्षरता दर पूरे एशिया में सर्वाधिक है। महानगरीय सोच रखने वाले यहाँ के लोगों को समाज के सभी स्तरों में सेवाएँ और अवसर दोनों प्राप्त हैं और शासन में उनकी बात पूरे ध्यान से सुनी जाती है।

इतिहास

इतिहास

केरल का इतिहास उसके व्यापार से नज़दीकी से जुड़ा है जो पिछले कुछ समय तक इसके मसालों के व्यापार तक सीमित था। भारत के मसाला तट के रूप में प्रसिद्ध प्राचीन केरल में पूरी दुनिया के यात्री और व्यापारी आते थे जिनमें ग्रीक, रोमन, अरबी, चीनी, पुर्तगाली, डट, फ्रांसीसी और ब्रिटिश शामिल है। इनमें से सभी विदेशियों ने किसी न किसी तरह यहाँ अपनी छाप छोड़ी है जिसके कारण दुनिया के साथ केरल का का व्यवहार करने का अपना अलग तरीका है जो केरल की तरह खूबसूरत है

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