केरल में आई बाड़ पर अनुच्छेद लिखिए|
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केरल, भगवान का अपना देश, आजकल निरंतर दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी वर्षा के कारण सबसे अधिक आपदाजनक बाढ़ से जूझ रहा है। तबाही मचाने वाली बारिश से राज्य की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। केरल के विभिन्न शहरों और गांवों पर इस बारिश के विनाशकारी असर स्पष्ट रूप से चेतावनी दे रहे हैं कि अनिश्चित प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए नियमित सतर्कता की आवश्यकता है। केरल की आश्चर्यजनक रूप से भारी मानसूनी बारिश पिछले साल के दौरान होने वाली बारिश के एकदम विपरीत है। मौसम विभाग ने राज्य के 14 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि यह सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ का सामना कर रहे हैं।
केरल बाढ़ 2018: अभी तक की स्थिति
भारी मानसून वर्षा ने केरल के कई शहरों, जिलों और गांवों को बाढ़ के पानी से जलमग्न करके तबाही मचा दी है।
मानव जीवन और संपत्ति का नुकसान: बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 70 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गँवा दी है और गिनती अभी जारी है। लगातार होने वाली मानसूनी बारिश ने लगभग 8,316 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है। बाढ़ के कारण लगभग 60,000 लोग बेघर हो गए, उन्हें राहत शिविरों में पनाह दी गई थी। राज्य के उत्तरी जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश से होने वाले भूस्खलन के कारण सड़कों, घरों और अन्य बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान हुआ। केरल में 8 से 12 अगस्त के बीच चौंकाने वाली बाढ़ और भूस्खलन की 211 घटनाओं में 39 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
बांध खोले गए, बाढ़ में और भी बढ़ोतरी: केरल ने अब तक अपने 39 बांधों में से 35 के द्वार खोले दिए हैं जिनमें इडुक्की बांध के स्ट्रीम गेट शामिल हैं, जो नदियों के किनारे की बस्तियों में बाढ़ ला देते हैं। केरल की गंभीर स्थितियों को देखते हुए सही समय पर इडुक्की बाँध के पाँचों द्वारों को खोल दिया गया था।
तमिलनाडु सरकार द्वारा जलाश्य से अधिशेष पानी छोड़ने के लिए मुल्लापेरियार बाँध के द्वारा खोलने पर केरल और तमिलनाडु के बीच तनाव बढ़ गया है। इसने केरल की स्थिति को और भी बदतर बना दिया, जिससे राज्य और अधिक जलमग्न हो गया।
केरल में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं को रोक दिया गया: हवाईअड्डे के आस-पास अत्यधिक बाढ़ के कारण केरल के कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुविधाओं को स्थगित कर दिया गया है। यहाँ रेल सेवाओं में व्यवधान है और राज्य में सड़क परिवहन भी बंद है क्योंकि सड़कें जलमग्न हो गई हैं। बाढ़ के चलते कोच्चि मेट्रो की सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं और दक्षिणी रेलवे भी काफी प्रभावित हुआ है, जिससे केंद्रीय केरल में अपनी सेवाओं को रोक दिया गया है। कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (केएमआरएल) के अधिकारियों ने आवागमन को रोक दिया क्योंकि इसके कार्य स्थान में बाढ़ का पानी आ गया है। पानी कार्य स्थल से निकलने के बाद ही उनकी सेवाएं फिर से शुरू होंगी और सिस्टम काम करने की स्थिति में वापस आ पाएंगे।
सरकारी पहलें: प्राकृतिक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, सेना, नौसेना, केंद्रीय जल आयोग, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसी कई सरकारी एजेंसियों को केरल में भारी बाढ़ निकासी, बचाव और राहत कार्यों को अमली जामा पहनाने के लिए नामांकित किया गया है।
केंद्र सरकार ने बाढ़ की आशंका वाले केरल में रहने वाले लोगों को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की है। पड़ोसी राज्य, तमिलनाडु और कर्नाटक ने भी केरल को सहायता प्रदान करने में अपना योगदान दिया है। केरल सरकार ने इस वर्ष ओणम के जश्न को रद्द कर दिया है और उत्सव के लिए एकत्रित किए गए धन का उपयोग बाढ़ राहत कार्यों में करेंगे।
केरल बाढ़ 2018: अभी तक की स्थिति
भारी मानसून वर्षा ने केरल के कई शहरों, जिलों और गांवों को बाढ़ के पानी से जलमग्न करके तबाही मचा दी है।
मानव जीवन और संपत्ति का नुकसान: बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 70 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गँवा दी है और गिनती अभी जारी है। लगातार होने वाली मानसूनी बारिश ने लगभग 8,316 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है। बाढ़ के कारण लगभग 60,000 लोग बेघर हो गए, उन्हें राहत शिविरों में पनाह दी गई थी। राज्य के उत्तरी जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश से होने वाले भूस्खलन के कारण सड़कों, घरों और अन्य बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान हुआ। केरल में 8 से 12 अगस्त के बीच चौंकाने वाली बाढ़ और भूस्खलन की 211 घटनाओं में 39 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।
बांध खोले गए, बाढ़ में और भी बढ़ोतरी: केरल ने अब तक अपने 39 बांधों में से 35 के द्वार खोले दिए हैं जिनमें इडुक्की बांध के स्ट्रीम गेट शामिल हैं, जो नदियों के किनारे की बस्तियों में बाढ़ ला देते हैं। केरल की गंभीर स्थितियों को देखते हुए सही समय पर इडुक्की बाँध के पाँचों द्वारों को खोल दिया गया था।
तमिलनाडु सरकार द्वारा जलाश्य से अधिशेष पानी छोड़ने के लिए मुल्लापेरियार बाँध के द्वारा खोलने पर केरल और तमिलनाडु के बीच तनाव बढ़ गया है। इसने केरल की स्थिति को और भी बदतर बना दिया, जिससे राज्य और अधिक जलमग्न हो गया।
केरल में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं को रोक दिया गया: हवाईअड्डे के आस-पास अत्यधिक बाढ़ के कारण केरल के कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुविधाओं को स्थगित कर दिया गया है। यहाँ रेल सेवाओं में व्यवधान है और राज्य में सड़क परिवहन भी बंद है क्योंकि सड़कें जलमग्न हो गई हैं। बाढ़ के चलते कोच्चि मेट्रो की सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं और दक्षिणी रेलवे भी काफी प्रभावित हुआ है, जिससे केंद्रीय केरल में अपनी सेवाओं को रोक दिया गया है। कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (केएमआरएल) के अधिकारियों ने आवागमन को रोक दिया क्योंकि इसके कार्य स्थान में बाढ़ का पानी आ गया है। पानी कार्य स्थल से निकलने के बाद ही उनकी सेवाएं फिर से शुरू होंगी और सिस्टम काम करने की स्थिति में वापस आ पाएंगे।
सरकारी पहलें: प्राकृतिक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, सेना, नौसेना, केंद्रीय जल आयोग, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसी कई सरकारी एजेंसियों को केरल में भारी बाढ़ निकासी, बचाव और राहत कार्यों को अमली जामा पहनाने के लिए नामांकित किया गया है।
केंद्र सरकार ने बाढ़ की आशंका वाले केरल में रहने वाले लोगों को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की है। पड़ोसी राज्य, तमिलनाडु और कर्नाटक ने भी केरल को सहायता प्रदान करने में अपना योगदान दिया है। केरल सरकार ने इस वर्ष ओणम के जश्न को रद्द कर दिया है और उत्सव के लिए एकत्रित किए गए धन का उपयोग बाढ़ राहत कार्यों में करेंगे।
Noor2003:
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