क्रमानुसारेण का जियित्वा तिरबत
काकर बहिष्णस्य समीपम् मनपर
एख)
एकदा सका व्यापारिक जाले अबखत
जा हरिणम्य मित्राणि वन्य प्रतीक्षाम अकुर्वना
(वा
वाटरिण: मुक्तः अभवत् ।
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kinda subject hai bhai
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Make sure that all words are spelled correctly.
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