Political Science, asked by rashirathore55555, 5 months ago

कारणा का
6. सोवियत व्यवस्था में
सुधार करने हेतु, गोर्बाचेव की भूमिका तथा इन सुधारों के यू.एस एस आर,
पर पड़े प्रभावों का वर्णन कीजिए।
(C.B..S.E.2015)
7. गुट-निरपेक्ष आंदोलन को तीसरी दुनिया के देशों ने तीसरे विकल्प के रूप में समझा। जब
शीतयुद्ध अपने शिखर पर था तब इस विकल्प ने तीसरी दुनिया के देशों को कैसे मदद पहुंचाई?
INCERT)
8. गुट-निरपेक्ष आंदोलन अब अप्रासंगिक हो गया है। आप इस कथन के बारे में क्या सोचते है।
अपने उत्तर के समर्थन में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
INCERTY
9. विचारों द्वारा स्पष्ट कीजिए कि "तीसरे विश्व" के देशों में शान्ति और विकास की प्रक्रिया को
गुट-निरपेक्ष द्वारा ही पूरी की जा सकती है?
(C.B.S.E. 2009)
10. क्यूबा मिसाइल संकट क्या था? इस संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दो विश्व विख्यात
नेताओं के नाम लिखिए।
(C.B.S.E. 2010)
11. क्यूबा का मिसाइल संकट क्या था? इसके मुख्य घटनाक्रम का वर्णन कीजिए।
(C.B.S.E. 2014)​

Answers

Answered by rashmirawat80090
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Answer:

6.सोवियत संघ जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघथा, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो 1922 से 1991 तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से 1990 तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र ( Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था।

7.गुट-निरपेक्ष आंदोलन को तीसरी दुनिया के देशों ने तीसरे विकल्प के रूप में समझा। ... द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जब शीत युद्ध अपने चरम पर था तब गुट निरपेक्ष आंदोलन के रूप में एक नई धारणा उभरकर सामने आई। गुटनिरपेक्ष देश शीतयुद्ध के दौरान महज करने वाले देश भर नहीं थे उन्हें 'अल्प विकसित देशों' का दर्जा भी मिला था।

8.गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) राष्ट्रों की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिहोंने निश्चय किया है, कि विश्व के वे किसी भी पावर ब्लॉक के संग या विरोध में नहीं रहेंगे। यह आंदोलन भारत के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर युगोस्लाविया के राष्ट्रपति [[जोसिप बरोज़ टीटो|इंडोनेशिया - डाॅ सुक्रणों एवं घाना - क्वामें एन्क्रूमा का आरंभ किया हुआ है। इसकी स्थापना अप्रैल,1961में हुई थी। और 2012 तक इसमें 120 सदस्य हो चुके थे।

9.विश्व युद्ध III या तृतीय विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) का काल्पनिक उत्तरवर्ती है, जिसका स्वरुप लगभग परमाणविक एवं विनाशकारी है।इस युद्ध की पूर्वानुमानित परिकल्पना सैन्य एवं नागरिक अधिकारियों द्वारा की गयी है तथा कई देशों की कल्पित कथाओं में इसकी चर्चा की गयी है। ये अवधारणाएँ विशुद्ध पारंपरिक परिदृश्यों से लेकर परमाणविक शस्त्रों के सीमित उपयोग या सम्पूर्ण ग्रह के विनाश तक विस्तारित हैं।

हथियारों की दौड़ के विकास के साथ, सोवियत संघ के पतन और शीत युद्ध की समाप्ति के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक सर्वनाश से सम्बंधित अंतर्भासी युद्ध ऊपर से देखने में तो विश्वसनीय माना जाता रहा, हालांकि इसकी संभावना नहीं के बराबर थी। जबसे ट्रूमैन का सिद्धांत सन् 1947 में कारगर हो गया, डूम्सडे क्लॉक ऐतिहासिक विश्व युद्ध III की प्रतीक बन गयी।

10.28 अक्टूबर 1962 को टकराव समाप्त हो गया, जब राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव यू थांट ने सोवियत प्रमुख निकिता ख्रुश्चेव के साथ यह समझौता किया कि सोवियत संघ आक्रामक हथियारों को नष्ट कर देगा और उन्हें सोवियत संघ वापस ले जाएगा, इस प्रक्रिया की निगरानी संयुक्त राष्ट्र करेगा; बदले में हुए समझौते में संयुक्त

11.क्यूबाई मिसाइल संकट (क्यूबा में अक्टूबर संकट के रूप में जाना जाता है) शीत युद्ध के दौरान अक्टूबर 1962 में सोवियत संघ, क्यूबा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक टकराव था। ... संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा आकाश और समुद्र मार्ग से हमला करने पर विचार किया और क्यूबा का सैन्य संगरोधन करना तय किया।

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