- कारण सहित समझाइये कि d-ब्लॉक तत्व रंगीन आर
बनाते हैं और अनुचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं।
निम्न रासायनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि लिखिये-
Nu: +R-C-
x
→
(A)+x:
H
A
f ror
A
TOT of
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Answer:
hey mate your answer is
Explanation:
d ब्लॉक की धातुओ में अयुग्मित d इलेक्ट्रोन पाए जाते है।
इलेक्ट्रोन एक सूक्ष्म चुम्बक के समान व्यवहार करता है।
इलेक्ट्रोन की कक्षीय गति के कारण कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण व चक्रण गति के कारण चक्रण चुम्बकीय आघूर्ण उत्पन्न होता है तथा कुल चुम्बकीय आघूर्ण इन दोनों आघूर्ण के योग के बराबर होता है।
कुल चुम्बकीय आघूर्ण = कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण + चक्रण चुम्बकीय आघूर्ण
d ब्लॉक की धातुओ में अंतिम (n-1)d इलेक्ट्रोन सतह पर होने के कारण वातावरण से प्रभावित होते है। इस कारण इनकी कक्षीय गति सिमित हो जाती है इसलिए इसके कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण को नगण्य मान सकते है।
चुम्बकीय आघूर्ण को ज्ञात करने का सूत्र निम्न होगा –
U = √n(n+2)
n = अयुग्मित d इलेक्ट्रोन की संख्या
चुम्बकीय आघूर्ण को मापने की इकाई ‘बोरमैग्नेटॉन’ (BM) है।
चुम्बकीय गुणों के आधार पर d ब्लॉक की धातुओ को तीन भागो में बाँट सकते है –
i. प्रतिचुम्बकीय
ii. अनुचुम्बकीय
iii. लौहचुम्बकीय
2. रंगीन यौगिको का बनना
d-block की धातुओ या संक्रमण धातुओ में अंतिम d-कक्षक अपूर्ण होते है अत: इनमे अयुग्मित d इलेक्ट्रोन पाए जाते है है।
इन धातुओ से बने यौगिको को प्रकाश में रखने पर यह दृश्य प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित करके d-d संक्रमण करते है। इस d-d संक्रमण के कारण यौगिक रंगीन दिखाई देते है।