Hindi, asked by amitmandal1767, 4 months ago

कौरव और पांडव का रण क्यों हुआ?​

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Answered by vinodmehr
1

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no idea hahaha sorry I can't

Answered by ratanlaljanagal1973
0

Answer:

महाभारत' में द्रौपदी का चीर हरण एक दु:खद घटना मानी जाती है. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी को द्युतक्रीड़ा में कौरवों से हार गए थे. पांडवों के बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठर ने अपने भाइयों समेत द्रौपदी को भी दांव पर लगा दिया और कौरवों से हार भी गए.

Explanation:

महाभारत' में द्रौपदी का चीर हरण एक दु:खद घटना मानी जाती है. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी को द्युतक्रीड़ा में कौरवों से हार गए थे. पांडवों के बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठर ने अपने भाइयों समेत द्रौपदी को भी दांव पर लगा दिया और कौरवों से हार भी गए. इसके बाद कौरवों में दुर्योधन का छोटा भाई दुशासन द्रौपदी को उनके बाल पकड़ कर भरी सभा में भी लाया और फिर कौरवों ने भरी सभा में द्रौपदी का चीर हरण किया था.पांचाली यानी द्रौपदी के चीर हरण के समय भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य, कुल गुरु कृपाचार्य और विदुर जैसे विद्वान भी मौन रह गए थे। क्योंकि द्युतक्रीड़ा में पांडव कौरवों से बाजी हार गए थे। फिर द्रौपदी ने भगवान कृष्ण से मदद की गुहार लगाई थी. तब भगवान कृष्ण ने उनकी लाज बचाई थी.

कौरवों में सिर्फ एक ही व्यक्ति था जो द्रोपदी के चीर हरण का विरोध कर रहा था. दुर्योधन और दुशासन चीर हरण में लगे हुए थे जबकि उनका छोटा भाई विकर्ण विरोध कर रहा था. वह अपने भाईयों के चीर हरण के सख्त खिलाफ था. उसने अपने भाईयों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी. उसने चेताया था कि ऐसा करना उनके पतन का कारण बन जाएगा और ऐसा हुआ भी.

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