कौरव पांडवों से क्यों जलते थे ?
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सदियों से ऐसा होता आया है और अब भी हो रहे हैं जिसके पास कुछ नहीं है लोग उसकी प्रशंसा नहीं करते हैं उससे जलते हैं जिसके पास सब कुछ होता है लोग उसी की तलवे चाटते हैं कौरव पांडवों से क्यों जलते थे इसका उत्तर आपको महाभारत में ही देखने को मिल जाएगा पांडव पांच भाई थे उनमें बहुत ज्यादा मिलन था वह हमेशा एक दूसरे की बात को सुनते थे एवं समझते थे लेकिन कारवां भाइयों का एक समूह और सब अपने मतानुसार चलते थे गौरव शकुनी मामा के चाल चलन के अनुसार चलते थे इसलिए वह पथ भ्रष्ट होते गए और ऐसे उनकी जिंदगी बर्बाद हो कर रहे थे मगर पांडव हमेशा सपथ पर चलते थे यही कारण है कि आज हम पांडवों को ज्यादा जानते हैं समझते हैं उनकी नीतियों को समझते हैं और हम कौरवों का त्याग देते हैं शायद इन्हीं सब कारणों की वजह से कौरव पांडवों से चलते थे.
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सदियों से ऐसा होता आया है और अब भी हो रहे हैं जिसके पास कुछ नहीं है लोग उसकी प्रशंसा नहीं करते हैं उससे जलते हैं जिसके पास सब कुछ होता है लोग उसी की तलवे चाटते हैं कौरव पांडवों से क्यों जलते थे इसका उत्तर आपको महाभारत में ही देखने को मिल जाएगा पांडव पांच भाई थे उनमें बहुत ज्यादा मिलन था वह हमेशा एक दूसरे की बात को सुनते थे एवं समझते थे लेकिन कारवां भाइयों का एक समूह और सब अपने मतानुसार चलते थे गौरव शकुनी मामा के चाल चलन के अनुसार चलते थे इसलिए वह पथ भ्रष्ट होते गए और ऐसे उनकी जिंदगी बर्बाद हो कर रहे थे मगर पांडव हमेशा सपथ पर चलते थे यही कारण है कि आज हम पांडवों को ज्यादा जानते हैं समझते हैं उनकी नीतियों को समझते हैं और हम कौरवों का त्याग देते हैं शायद इन्हीं सब कारणों की वजह से कौरव पांडवों से चलते थे.