किसी आंखों देखी दुर्घटना का वर्णन कीजिए जिसमें दुर्घटना का कारण दुर्घटना स्थल का दृश्य और आपके अनुभव हो 250 शब्द में
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वैसे तो जीवन में अच्छी- बुरी घटनाएं होती ही रहती है परंतु कुछ घटनाएं अपनी अमिट याद हमारे स्मृति पटल पर छोड़ जाती है । इसी तरह पिछले सप्ताह एक ऐसी घटना हुई |
31 मार्च को मैं दोपहर की गाड़ी शताब्दी ट्रेन से अपने चाचा के घर दिल्ली जा रहा था । मैं आरक्षित डिब्बे में था । डिब्बे में स्त्री ,पुरुष ,बच्चे ,बूढ़े तथा जवान सभी तरह के मुसाफिर थे | गाड़ी कुछ विलंब से चली थी इसी कारण अभी मथुरा जंक्शन नहीं आया था। मथुरा स्टेशन आते ही लोग उतरने लगे।
लोग उतरे ही थे कि सहसा मैंने देखा कि मथुरा जंक्शन पर अफरातफरी़ और भगदड़ मच गई है । मैंने जानने की कोशिश की तो मुझे एक सहयात्री से पता चला कि स्टेशन पर एक बैग में संभवत: विस्फोटक पाया गया जिसके फूटने के डर की वजह से लोगो में भगदड़ मची हुई थी |
स्टेशन मास्टर ने रेलवे पुलिस को तहकीकात करने बुलवाया । रेलवे पुलिस ने आते ही जांच की । स्टेशन पर ऐलान किया कि "कोई विस्फोटक नहीं है , किसी को भी घबराने या भागने की जरूरत नहीं है |" अफ़वाह फैलाई गई थी | भगदड़ रुकने लगी थी ।
कई स्त्रियां तथा बच्चे भगदड़ में गिरे जरूर थे परंतु बाद में स्थिति संभल गई । एकाध व्यक्ति को मामूली चोट अवश्य आई पर इस दुर्घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई थी। । मैं कुशलतापूर्वक दिल्ली पहुँच गया | चाचाजी को देखकर मैं अत्यंत प्रसन्न हुआ। वे मुझे लेने आए थे | अब मुझे शांति और सुकून का अनुभव हुआ । मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया |