किस बालक की प्रेरणा से उसके पिता ने अपना शीश काटकर बलिदान दिया था
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जब उनकी बात सुनकर गुरु तेगबहादुर ने कहा था कि हमारे हिंदु धर्म की रक्षा के लिए किसी महापुरुष की आवश्यकता है। इस बात को सुन कर गुरु गोविंद सिंह ने अपने पिता से कहा कि 'इस संसार में आपसे बड़ा महापुरुष कौन हो सकता है'। जब गुरु गोविंद सिंह ने यह बात की उस समय उनकी उम्र महज 9 साल की थी।
इतिहास में ऐसे बहुत कम उदाहरण मिलेंगे जब किसी बालक ने अपने पिता को ही धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी हो। गुरु तेगबहादुर के शहीद हो जाने पर 1733 को गोविंद राय गद्दी पर बैठे। तब तक काफी लोग उन्हें चमत्कारी पुरुष मानने लगे थे।
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नािी मलुम.........
Explanation:
माफ़ करना.
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