किसी भी मौसम में जब सताया, उड़ा के आंचल हमें बचाया,हो सख्त जाड़े में धूप तुम ही, तपन में ठंडी फुहार हो माँ! भावार्थ लिखिए
Answers
Answer:
किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है,
जो अपनी ही फिक्र में गुजरे, वह जिन्दगी क्या है।
कितना और बदलूं खुद को जिंदगी जीने के लिए,
ऐ जिंदगी, मुझको थोडा सा मुझमे बाकी रहने दे।
सबके कर्ज़े चुका दूँ मरने से पहले, ऐसी मेरी नीयत है,
मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी, तेरी क्या कीमत है।
तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी,
जा कर पूछ मेरी माँ से कितने लाडले थे हम।
नही चाहिए हमें ओर कुछ भी..
अगर, किस्मत मुझे तुम्हारा साथ दें दे।
मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी,
वरना आंसुओं को तो तो आँखें भी जगह नहीं देती।
कभी तो मेरे प्यार को समझ लो..
एक दिन तुम्हे क्या मै पूरी दुनिया को छोड जाउंगा।
तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी,
जा कर पूछ मेरी माँ से कितने लाडले थे हम।
फिक्र है सब को खुद को सही साबित करने की,
जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है!!
सौ बार मरना चाहा उनकी निगाहों में डूब के,
वो हर बार निगाहें झुका लेते हैं, मरने भी नहीं देते हैं।
कीमती हैं सिक्के, ईमान सस्ता है,
यहां रिश्तों का मतलब ही, मतलब का रिश्ता है।
शोर करते रहो तुम सुर्ख़ियों में आने का,
हमारी तो खामोशियाँ भी एक अखबार हैं।
थक सी जाती है ज़िन्दगी.. जब
कोई सनम हद से ज़्यादा ‘याद’ आने लगे।
मजबूत होने में मज़ा ही तब है,
जब सारी दुनिया कमज़ोर कर देने पर तुली हो।
बहुत चुपके से दिया था, उसने गुलाब हमें,
कमबख़्त खुशबू ने, कोहराम मचा दिया।
दिल से बड़ी कोई क़ब्र नहीं है,
रोज़ कोई ना कोई एहसास दफ़न होता है।